स्वर्ण भूपति रस के फायदे benifits of swarn Bhupati ras एक प्राचीन आयुर्वेदिक रसायन है, जिसे मुख्यतः शरीर के वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें शामिल मुख्य सामग्री हैं स्वर्ण भस्म, चांदी भस्म, ताम्र भस्म, अभ्रक भस्म, लौह भस्म जिन्हें शुद्ध पारा और गंधक के साथ संयोजित किया जाता है। यह रस विशेष रूप से जीर्ण रोगों में अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
सेवन विधि और मात्रा
स्वर्ण भूपति रस को दिन में दो बार, प्रत्येक बार आधी रत्ती 60 mg से एक रत्ती 125 mgतक, शहद या अदरक के रस के साथ मिलाकर लेना चाहिए।
स्वर्ण भूपति रस के फायदे
- स्वर्ण भूपति रस के विभिन्न रोगों में उपयोग और फायदे:
- अम्लपित्त (एसिडिटी): स्वर्ण भूपति रस पेट में जलन और अम्लता को कम करता है। इसमें वात और पित्त शामक गुण होते हैं जो खट्टी डकार और जलन को नियंत्रित करते हैं।
- जोड़ों का दर्द और रुमेटिक समस्याएं: यह रसायन जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। यह वात दोष को संतुलित करके रुमेटिक अवस्थाओं में आराम पहुँचाता है।
- अस्थमा और श्वास की समस्या: स्वर्ण भूपति रस श्वास प्रणाली को मजबूत बनाता है और अस्थमा के दौरान श्वास लेने में आसानी प्रदान करता है। यह कफ को नियंत्रित करता है, जिससे श्वास संबंधी तकलीफ कम होती है।
- पीलिया और लीवर संबंधी विकार: यह रसायन यकृत को मजबूती प्रदान करता है और पीलिया के उपचार में सहायक होता है। इसके घटक लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और विषाक्त पदार्थों को साफ करते हैं।
- ग्रहणी (आईबीएस) और पेट संबंधी अन्य रोग: यह औषधि पेट की ग्रहणी बीमारी में विशेष रूप से लाभदायक है, जहां यह आम पाचन को सुधारता है और आंत्र पथ के संक्रमण और सूजन को कम करता है।
- मस्तिष्क संबंधी विकार: इसमें मौ
- जूद स्वर्ण और चांदी भस्म मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाते हैं, जिससे स्मृति शक्ति बढ़ती है और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- दूसरी अवस्था के क्षय रोग (टीबी): स्वर्ण भूपति रस का सेवन टीबी की दूसरी अवस्था में किया जाता है, जहां यह क्षय रोग के कीटाणुओं को नष्ट करने में मदद करता है और बुखार को कम करता है।
- वात और पित्त दोष संबंधी समस्याएं: इसके नियमित सेवन से वात और पित्त दोष के कारण होने वाली समस्याएं जैसे कि पेट दर्द, गैस, और अजीर्ण में आराम मिलता है।
निष्कर्ष
स्वर्ण भूपति रस एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक रसायन है जो कई गंभीर और जीर्ण रोगों में लाभ प्रदान करता है। यह रस न केवल विशिष्ट लक्षणों को दूर करता है बल्कि शरीर की सामान्य ऊर्जा और कार्यक्षमता में भी सुधार करता है। इस औषधि का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।