स्वर्ण वंग -रसतरंगिणी के अनुसार उपयोग घटक द्रव्य सेवन विधि अनुपान के बारे में संपूर्ण जानकारी।
सुवर्ण राज वंगेश्वर के नाम से भी स्वर्ण वंग भस्म को जाना जाता है।
सोने के समान चमक और रंग के कारण ही इसका नाम स्वर्ण राज वंगेश्वर नाम रखा गया है।
आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार कूपिपक्व विधि से तैयार करके रोगियों को विभिन्न रोगों में प्रयोग कराई जाती है।
यह अत्यंत ही लाभदायक रसायन, शरीर में अंदरूनी ताकत बढ़ाने वाला शक्ति वर्धक और धातु वर्धक भस्म है।
मूत्रमार्ग के रोगों के साथ-साथ यह उपदंश जैसे लोगों को ठीक करने के लिए प्रयोग कराया जाता है। नपुंसकता से पीड़ित
मूत्र रोगों से पीड़ित,
उपदंश की द्वितीय तृतीय अवस्था हो,
शुक्राणुओं की कमी अथवा शुक्राणु की मोटिलिटी की कमी हो
बार बार पेशाब जाने की समस्या हो सभी प्रकार के रोगों के लिए यह अत्यंत लाभकारी एवं प्रभावी भस्म है।
Table of Contents
स्वर्ण वंग भस्म के घटक द्रव्य
- शुद्ध वंग
- शुद्ध पारद
- शुद्ध गंधक
- नवसागर
स्वर्ण वंग भस्म के उपयोग
- नपुंसकता के रोगियों को इसका प्रयोग करवाया जाता है।
- शुक्राणुओं की दुर्बलता या कमी में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या हो या मूत्र मार्ग में संक्रमण से संबंधित कोई भी समस्या होने पर इसका प्रयोग करवाया जाता है।
- उपदंश रोग में भी इसका प्रयोग करवाया जाता है। जब उपदंश रोग की द्वितीया तृतीया अवस्था होती है तब भी यह भस्म रोग को ठीक करने का कार्य करती है।
- त्वचा पर होने वाले स्त्रावी सभी प्रकार की त्वचा गत रोगों में भी इसका प्रयोग करवाया जाता है।
- उपदंश रोग के कारण होने वाले संधि गत विकार जैसे जोड़ों में सूजन या दर्द में भी यह लाभ पहुंचाता है।
- पुरुषों में स्वपनदोष की समस्या में भी आयुर्वेद चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ द्वारा इसे एक प्रयोग कराया जाता है।
सेवन मात्रा एवं अनुपान
125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम की मात्रा दूध या शहद के साथ अथवा रोग के अनुसार चिकित्सक के निर्देशन में सेवन करें।
सावधानी-
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें। चिकित्सक की देखरेख में ही औषधि का सेवन करें।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध। ऑनलाइन स्टोर पर भी उपलब्ध है।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
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