स्वाइन फ्लू Swine Flu influenza H1 N1 से बचाव हेतु उपाय।

यह एक इनफ्लुएंजा ए Swine Flu influenza H1 N1 के एक प्रकार के वायरस h1 n1 के प्रकोप medical emergency से स्वाइन फ्लू फेल रहा है। स्वाइन फ्लू तेजी से फैलने quickly intractable virus infection वाला तथा घातक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा है। इस आपदा से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि सही जानकारी right information सही जागरूकता Awareness और सही समय पर इलाज treatment कराने की जरूरत है।

स्वाइन फ्लू Swine Flu influenza H1 N1 के लक्षण

  • तेज बुखार high fever
  • गले में तकलीफ irritation swelling in throat
  • खांसी cough
  • सर्दी जुखाम cold
  • सिर दर्द headache
  • बदन दर्द body age
  • नाक से पानी टपकना
  • श्वास लेने में तकलीफ Breathless

जैसी समस्याएं problems एवं लक्षण symptoms उत्पन्न होते हैं तुरंत नजदीकी चिकित्सक से संपर्क contact physician करें। क्योंकि यह वायरस आपके संपर्क वाले परिवार जनों को भी होने की संभावना रहती है।

उपचार एवं बचाव के उपाय।Treatment and prevention measures.

  • हल्दी दूध का प्रयोग करें। turmeric milk
  • हमेशा मुंह पर मास्क medical mask स्कार्फ या रुमाल handkerchief का उपयोग करें।
  • दिन में नहीं सोए।
  • ऊनी एवं गर्म वस्त्रों use winter wear का उपयोग करें।
  • सुबह शाम घूमने जाएं।
  • भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे।
  • संतुलित आहार का सेवन करें।
  • ठंडे पेय पदार्थ एवं भोज्य पदार्थों का do not use cold product उपयोग करने से बचें।
  • अधिक उपवास ना करें।
  • व्यसन एवं मदिरा का सेवन ना करें।
  • घर से खाली पेट ना निकले कुछ भी भोजन का सेवन करने के पश्चात ही निकले।
  • सर्दी जुकाम या संक्रमित संभावित लोगों के संपर्क से बचें।
  • खांसी एवं छीकते समय रुमाल का उपयोग करें। use handkerchief or tissue paper
  • हाथों की साफ सफाई का ध्यान रखें। always hand hygiene
  • घर या बाहर की सफाई के साथ में फर्श पर जीवाणु रोधी द्रव्यों का उपयोग कर सफाई करें। use antibacterial liquid product
  • संभव हो सके तो बाहरी भोज्य पदार्थों का त्याग करें। do not eat fast food
  • तला गला बासी ठंडा और भारी भोजन उपयोग ना करें।
  • पर्याप्त नींद लें तथा विश्राम करें। take rest
  • धूल धुंआ तथा धूम्रपान से बचें। avoid smoking
  • व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक शौचालय की साफ सफाई का ध्यान रखें। complete hygiene of your toilet
  • दैनिक जीवन में योग प्राणायाम करें। do yoga and Pranayam

स्वाइन फ्लू के विषय में अफवाहों पर ध्यान ना दें। Ignore rumors about swine flu.

स्वाइन फ्लू Swine Flu influenza H1 N1 एक तरह का वायरल इंफेक्शन viral infection है जो तेजी से फैलने वाला तथा प्रतिरोधक क्षमता immunity power को कमजोर करने वाला रोग है। इसके विषय में जनसामान्य में भय fear व्याप्त हो गया है इसको लेकर भयभीत होने से या तनावग्रस्त होने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता immunity तथा मानसिक स्वास्थ्य mental health पर प्रभाव पड़ता है। जिससे रोगी को ठीक होने में समय लग सकता है। स्वाइन फ्लू के विषय में बचाव उपाय तथा सही जानकारी जन सामान्य में देने की जरूरत है। स्वाइन फ्लू से प्रभावित सभी रोगी ठीक हो सकते हैं समय पर सही इलाज मिल पाए।

स्वाइन फ्लू से बचाव के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय Ayurvedic home remedies to prevent swine flu

  • वाष्प नस्य- nasal steam गर्म पानी में नीलगिरी का तेल अमृतधारा की दो-दो बूंद डालकर भाप लेने से श्वास लेने में हो रही कठिनाई में लाभ होता है।
  • प्रतिमर्श नस्य- nasal drop प्रतिदिन सरसों के तेल षडबिन्दु तेल या बादाम के तेल की दो-दो बूंद प्रत्येक नासा छिद्र के अंदर डालनी चाहिए।
  • अभ्यंग- massage प्रतिदिन सरसों के तेल में शरीर की मालिश करनी चाहिए।
  • कवल- नमक के गर्म पानी के गरारे करें दारू हल्दी मुलेठी हल्दी फिटकरी के पानी के गरारे दिन में 3 बार करें।
  • आचूषण- मुलेठी मुनक्का अदरक आमला बहेड़ा हरड को चूसने से गले में खुश्की कफ आसानी से बाहर निकल जाता है।
  • धुपन- नीम गुगलु कपूर सफेद सरसों राई लेबाम की धूप से बाहर की वायु शुद्ध हो जाती है।
  • स्वाइन फ्लू से बचाव हेतु राजकीय आयुर्वेद अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से बचाव हेतु काडा वितरण किया जाता है। जहां पर जाकर अथवा घर पर लाकर क्वाथ का निर्माण कर सेवन करना चाहिए।
  • आंवले Amla का चूर्ण प्रतिदिन 3 से 5 ग्राम की मात्रा लेने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • तुलसी Tulsi काली मिर्च black paper अदरक के रस Ginger extract या शहद
  • को साथ में मौसमी सर्दी जुकाम और बुखार नहीं होते हैं।
  • अडूसा जिसे वासा भी कहते हैं। के पत्तों का रस शहद honey के साथ मिलाकर लेने से खांसी तथा गले के रोगों में लाभ होता है।
  • पीपल को दूध milk में उबालकर लेने से बुखार गले के कफ तथा पाचन संबंधी दुर्बलता weakness में फायदा होता है।
  • चिरायता chirayata नीम neem गिलोय Giloy हल्दी turmeric सोंठ का काढ़ा बनाकर लेने से मौसमी बुखार खांसी जुखाम में फायदा होता।
  • दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  • महासुदर्शन घन वटी दिन में दो बार दो-दो गोली गर्म पानी से सेवन करने से मौसमी बुखार तथा वायरल इनफेक्शन से बचाव होता है।
  • अडूसा व कंटकारी का क्वाथ श्वासनलिकाओ से कफ को बाहर निकाल देता है।
  • मुलेठी mulethi अश्वगंधा ashvgandha का चूर्ण शरीर को ताकत प्रदान करता है।
  • घी में सेकी हुई हल्दी turmeric को दूध में लेने से प्रतिरोधक क्षमता immunity power बढ़ती है।

चेतावनी -कोई भी आयुर्वेदिक औषधि प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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