महामंजिष्ठादि क्वाथ Mahamanjishthadi Kwath, त्वचा से संबंधित स्किन डिजीज की दवा

Mahamanjishthadi Kwath

महामंजिष्ठादि क्वाथ अगर आपको त्वचा से संबंधित स्किन डिजीज हुई है । जरूर आपको महामंजिष्ठादि का सेवन आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा करवाया होगा । अब आपकी यह जिज्ञासा आपको इस पोस्ट तक ले आई है की आखिर महामंजिष्ठादि क्वाथ काढ़ा है क्या?

वैसे तो आयुर्वेद में किसी और के लिए औषधियों का योग बना कर दिया जाता है । महामंजिष्ठादि क्वाथ में बहुत सारी दवाइयों का प्रयोग किया जाता है । महामंजिष्ठादि त्वचा के रोगों में जैसे कुष्ठ उपदंश फिरंग इत्यादि में प्रयोग किया जाता है ।

महामंजिष्ठादि क्वाथ काढ़ा के घटक द्रव्य-

शारंगधर संहिता के अनुसार महामंजिष्ठादि क्वाथ में निम्न द्रव्य का उपयोग किया जाता है ।

  1. मंजिष्ठा एक भाग
  2. चित्रक एक भाग
  3. कुलांजन एक भाग
  4. पिपली एक भाग
  5. कंटकारी एक भाग
  6. भृंगराज एक भाग
  7. हरिद्रा द्वय एक भाग
  8. वरुण एक भाग
  9. खदिर एक भाग
  10. हरितकी एक भाग
  11. विभितक एक भाग
  12. आरग्वध एक भाग
  13. आमलकी एक भाग
  14. करंज एक भाग
  15. शंखपुष्पी एक भाग
  16. पर्पट एक भाग
  17. वासा एक भाग
  18. गुडुची एक भाग
  19. पाठा एक भाग
  20. कूटका एक भाग
  21. त्रिवृत एक भाग
  22. शतावरी एक भाग
  23. बाकूची एक भाग
  24. देवदारू एक भाग
  25. उशीर एक भाग
  26. किरातिक्त एक भाग
  27. मुस्ता एक भाग
  28. भारंगी एक भाग
  29. शुंठी एक भाग
  30. मुर्वा एक भाग
  31. वचा एक भाग
  32. इंद्र यव एक भाग
  33. पटोल एक भाग
  34. कुटज एक भाग
  35. विडंग 1 भाग
  36. बीजक 1 भाग
  37. रक्त चंदन एक भाग
  38. निम्ब एक भाग
  39. इंद्र वारुनि 1 भाग
  40. अति विषा एक भाग
  41. देवदारू एक भाग
  42. महा निम्ब एक भाग
  43. सारिवा 2 भाग
  44. धात की 16 भाग
  45. गुड आवश्यकता के अनुसार
  46. शर्करा 200 भाग

महामंजिष्ठादि क्वाथ काढ़ा का उपयोग

  • समस्त प्रकार की त्वचा रोगों में ।
  • घाव को सुखाने के लिए ।
  • फोड़े फुंसी
  • पुराना कुष्ठ
  • उपदंश रोग में
  • फिरंग रोग में
  • श्लीपद रोग में
  • मेदो रोग में
  • वातरक्त गठिया रोग में ।

सेवन मात्रा-

10 से 20 एम एल की मात्रा दिन में दो बार बराबर जलसे भोजन के उपरांत चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।

सावधानी-

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

निर्देशित की गई मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।

खटाई दही आमचूर अचार तथा विरोधी आहार का सेवन वर्जित है ।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । ऑनलाइन स्टोर पर भी आजकल अवेलेबल होती है ।

चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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