बलारिष्ट- शरीर को बल देने वाला, भार को बढ़ाने वाला मांस धातु का पोषण करने वाला अनुपम योग है । जिसमे बला , अश्वगंधा विदारी जैसे ताकत देने वाले औषधि द्रव्यों का प्रयोग करते हैं।
आप सभी को पता है की अश्वगंधा, बला, विदारी का प्रयोग वजन बढाने ,वाट रोग एवं वाजीकर द्रव्यों के रूप में उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार सप्त धातु जिसमें मांस एक धातु है। ( रस रक्त मांस मेद अस्थि मज्जा शुक्र) बलारिष्ट मांस धातु का पोषण करता है ।
Table of Contents
बलारिष्ट के घटक द्रव्य-
- बला 100 भाग
- अश्वगंधा 100 भाग
- धात की 16 भाग
- विदारी 2 भाग
- एरंड 2 भाग
- रास्ना 1 भाग
- छोटी इलायची एक भाग
- लवंग 1 भाग
- प्रसारिणी 1भाग
- उशीर 1भाग
- गोखरू 1भाग
- गुड 300 भाग
आयुर्वेदिक फोर्म्युलरी ओफ़ इंडिया के अनुसार
बलारिष्ट का उपयोग-
- भूख की कमी
- समय पर भूख ना लगना
- भोजन का पाचन नहीं होना
- दुर्बलता
- शरीर में या जोड़ों में जकड़न या दर्द।
- बजन बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
सेवन मात्रा-
10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा लगभग दो से चार चम्मच
भोजन के उपरांत दिन में दो बार बराबर मात्रा में गुनगुने पानी से चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करना चाहिए ।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। ऑनलाइन भी कई फार्मेसी इसका विक्रय करती है ।
सावधानी-
चिकित्सक द्वारा निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
सामान्य तापमान और सुखी और स्वच्छ स्थान पर रखें।
चेतावनी- इस लेख में दी गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।
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