मधुरांतक वटी

मधुरांतक वटी

मधुरांतक वटी (मोतियुक्त) – आप टाइफाइड के बारे में जानते ही होंगे । टाइफाइड लंबे समय तक चलने वाला एक ऐसा बुखार है । जो पूरे शरीर के साथ पेट की आंतों पर गंभीर नुकसान पहुंचाता है । बुखार में रोगी कमजोर हो जाता है । दस्त के साथ खून आने अथवा कब्ज की संभावना भी हो जाती है ।

मधुरांतक वटी एक आयुर्वेदिक गोली है जो आयुर्वेद के अनुसार मुद्दतीताप रोग में अत्यंत कारगर औषधि के रूप में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा उपयोग में लाया जाता है । जिसे मेडिकल साइंस में टाइफाइड के नाम से जाना जाता है ।मधुरांतक वटी इस रोग में अत्यंत कारगर है ह । क्योंकि इसमें घटक द्रव्य शास्त्रोक्त विधि से प्रयोग में लाए जाते हैं । रोग में निकलने वाले मधुरा के दाने जल्दी निकलकर जल्द ही सूख जाते हैं । इस रोग में तेज बुखार जो लंबे समय तक रहता है ।

मधुरांतक वटी के घटक द्रव्य-

  1. मोती पिष्टी 1माशा
  2. कस्तूरी 2माशा
  3. केसर 3 माशा
  4. जायफल 4 माशा
  5. जावित्री 5 माशा
  6. लवंग 6 माशा
  7. तुलसी पत्र 7 माशा
  8. अभ्रक भस्म 8 माशा

मधुरांतक वटी बनाने की विधि-

उपरोक्त सभी औषधि घटक द्रव्य को 6 घंटे तक अदरक के रस में मर्दन करना है । मर्दन करने के पश्चात 1-1 ( लगभग 125 मिलीग्राम) रत्ती की गोलियां बनाकर छाया में सुखाएं ।

सेवन मात्रा-

बल आयु और रोग के अनुसार 50 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक की मात्रा सुबह शाम अदरक के रस अथवा पानी से चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करना चाहिए ।

मधुरांतक वटी के उपयोग एवं फायदे-

  1. मुख्य रूप से इसका प्रयोग टाइफाइड बुखार(आन्त्रिक ज्वर ) के लिए किया जाता है ।
  2. मधुरांतक वटी का लगातार 21 दिन सेवन करने से करने वाले दाने जल्दी निकल जाते हैं और जल्दी ही सुख भी जाते हैं ।
  3. यह टाइफाइड की विभिन्न अवस्थाओं के लिए उपयोग में लिया जाता है ।
  4. पेट की आंतों को मजबूत बनाता है ।
  5. पेट में होने वाली जलन को दूर करता है ।
  6. टाइफाइड की किसी भी अवस्था में यह औषधि जादू की तरह कार्य करती है ।
  7. बुखार को धीरे-धीरे खत्म करती है ।
  8. मोतीझरा की बिगड़ी हुई अवस्था आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इसकी सेकंड एंड थर्ड स्टेज मैं भी लक्ष्मी नारायण अथवा सुतशेखर रस के साथ प्रवाल पिष्टी का प्रयोग कर रोगी को जल्दी आराम पहुंचाया जाता है ।

सावधानी-

चिकित्सक की देखरेख में औषधि का सेवन करें ।

मोतीझरा में निर्देशित आयुर्वेद चिकित्सक की निर्देशों का पालन करें ।

अपथ्य का सेवन ना करें ।

औषधि को कमरे के तापमान पर स्टोर करें ।

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । ऑनलाइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें ।

चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है ।

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