बुढ़ापा कैसे दूर करें-यह सवाल एक न एक दिन हर किसी के दिमाग में आएगा । आपने देखा होगा कई ऐसे लोग हैं जो गलत खानपान ,पोषण की कमी ,गलत आदतों, धूम्रपान ,व्यसन इत्यादि की वजह से समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं ।
कुदरती शरीर एक न एक दिन वृद्धावस्था को प्राप्त होने वाला है । परंतु वृद्धावस्था या बुढ़ापे को कैसे दूर रखा जाए यह सवाल है ।
क्या आपने कभी सोचा है? अभिनेत्रियां ,अभिनेता लंबे समय तक जवान कैसे दिखते हैं । अब आप यह कहेंगे की मेकअप का कमाल है । लेकिन वास्तविक जिंदगी में उनका डाइट प्लान उनकी जीवनशैली ,खानपान ,रहन-सहन इत्यादि के लिए डाइट प्लान डाइटिशियन द्वारा तैयार किए जाते हैं।
जिम एक्सपर्ट हमेशा उनको वही कसरत करने की सलाह देते हैं जो उनके लिए सही है । सही न्यूट्रिशन का ध्यान रखा जाता है।
अब हर आदमी तो नेता ,अभिनेता नहीं होता जो इतना व्यय उठा सके। इसलिए आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां ,औषधि द्रव्य मौजूद है जो शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ एंटी एजिंग भी होती है । जिनके बारे में हम आगे बात करने वाले हैं ।
हम उन पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में बात करेंगे जो कमजोरी दूर करने के साथ-साथ बुढ़ापे को भी दूर रखते हैं । सभी जानते हैं बुढ़ापे में शरीर का क्षरण होता है ।
धीरे-धीरे शरीर की मांसपेशियां कमजोर होती है ।हड्डियां कमजोर होती है।दृष्टि कमजोर होती है। जोड़ों का दर्द रहता है। पाचन सही से नहीं होता है ।
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जल्दी बुढ़ापा आने तथा कमजोरी के कारण
आप किसी से भी पूछेंगे क्या आप बुड्ढे होना चाहते हैं? तो उसका जवाब आपके पास में बैठे किसी भी व्यक्ति से पूछ सकते हैं । हर व्यक्ति जवान रहना चाहता है । लेकिन बुढ़ापा तो आना ही है । बस फर्क इतना है कितनी देर में आएगा । ऐसा क्या किया जाए ? ऐसी कौन सी दिनचर्या अपनाई जाए? ऐसी क्या चीज खाई जाए ?जिससे आपको लंबे समय तक स्वस्थ शरीर बना रहे ।
जीवन शैली
जीवन शैली का हमारे शरीर पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है । क्या आप आयुर्वेद की दिनचर्या को अपना रहे हैं ? सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना, खाली पेट पानी का सेवन करना, ईश्वर स्मरण करना, व्यायाम एवं योग करना, भोजन समय से करना, समय से सोना, जरूरी है ।
अगर आप इन सभी चीजों को समय से नहीं करते हैं तो । निश्चित रूप से इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है ।
न्यूट्रिशन की कमी–
प्रोटीन,आयरन ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम , विटामिन और भी कई सारे खनिज लवण। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी होते हैं । संतुलित भोजन एक आज के समय में कल्पना ही रह गई है । क्या आप सभी पोषक तत्व सही से सेवन कर रहे हैं? अगर नहीं तो आपके शरीर में कमजोरी आना स्वाभाविक है ।
विटामिन डी विटामिन B12 की कमी
विटामिन डी विटामिन B12 की कमी और भी कई सारे न्यूट्रिएंट्स हमारे शरीर को नहीं मिलते हैं। जिसके कारण भी शरीर में कमजोरी और जल्दी बुढ़ापा आता है ।
पाचन की कमी–
अगर आप सही से न्यूट्रिएंट्स ले रहे हैं । उनका सही से पाचन हो रहा है या नहीं? अगर नहीं हो रहा है तो यह आपकी कमजोरी आपकी जल्दी बुढापा आने का कारण भी हो सकता है । पाचन के लिए कई आयुर्वेदिक औषधिया है । जिस की सलाह आपको आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा लेनी चाहिए ।
गलत खानपान-
डिजिटल दुनिया और भागदौड़ की जिंदगी में आप ना चाहते हुए भी गलत खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं । पिज़्ज़ा, बर्गर, चाऊमीन, मंचूरियन, केमिकल वाले मसाले । आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं । सुबह में पराठे की जगह ब्रेड बटर का रिवाज आम है । किसी के पास समय नहीं है इसलिए उन्हें ब्रेड बटर की खाना पड़ता है ।
कुछ सालों या कुछ महीनों बाद आपको स्वास्थ्य संबंधित समस्या होती है । डॉक्टर द्वारा बताया जाता है आपकी विटामिन B12 की कमी है । अन्य न्यूट्रिशंस की कमी है । हिमोग्लोबिन की कमी है जिसके कारण आपको यह समस्या हो रही है ।
भोजन समय पर करना चाहिए ।रोटी , सभी प्रकार की दाल हरी पत्तेदारसब्जी चावल,सलाद ,छाछ दही को शामिल करना चाहिए ।
धूम्रपान एवं शराब का सेवन-
धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तो है ही । साथ ही साथ कैंसर के कारण भी है । धूम्रपान फेफड़ों पर अपना बुरा प्रभाव डालता है । वही शराब हमारे यकृत पर बुरा प्रभाव डालता है । धूम्रपान और शराब कभी भी अच्छा स्वास्थ्य नहीं दे सकती । आज भी छोड़े अच्छे स्वास्थ्य के लिए ।
रक्त की कमी-( हिमोग्लोबिन की कमी)-
महिलाओं में एनीमिया की शिकायत पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा होती है।रक्त में हिमोग्लोबिनकी कमी शारीरिक कमजोरी का बहुत बड़ा कारण है।रक्त की कमी को दूर करने के लिए लोह तत्व को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए ।
आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां है।जैसे पुनर्नवा मंडूर, लोह भस्म, लोहासव,शिलाजीत इत्यादि जो लौह तत्व की कमी को पूरा करते हैं ।
बुढ़ापे को दूर रखने वाले एवं कमजोरी को दूर करने वाली आयुर्वेदिक औषधियां
बुढ़ापा कैसे दूर करें अश्वगंधा-
कोविड-19 के दौर में आपने अश्वगंधा का नाम आयुर्वेद से जुड़ा हुआ सुना होगा । हो सकता है आपने इसका सेवन की किया हो । अश्वगंधा एक अत्यंत ही गुणकारी आयुर्वेदिक औषधि है । इसका प्रयोग कई प्रकार की बीमारियों के लिए किया जाता है।
खासकर शारीरिक कमजोरी, बल वीर्य की कमी, वात रोग( रूमेटाइड अर्थराइटिस, सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस, साइटिका इत्यादि) ने प्रमुख रूप से किया जाता है ।
अश्वगंधा का आंखों के लिए, खांसी, बुखार, हाथ पैर दर्द होना, कमजोरी, इंद्रिय दुर्बलता , रोगप्रतिरोधक क्षमता की कमी ऐसे ही कई अन्य रोगों के लिए प्रयोग करवाया जाता है । यह चिकित्सक के निर्देशन में सेवन करना चाहिए ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें शतावरी-
शतावरी महिलाओं के लिए अत्यंत ही गुणकारी औषधि है । इसका प्रयोग महिलाओं में स्तन्य की कमी के लिए प्रयोग करवाया जाता है । गर्भावस्था एवं प्रसव के पश्चात इसका सेवन निश्चित मात्रा में आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह पर सेवन करना लाभप्रद होता है ।
इसमें कई प्रकार के अघुलनशील फाइबर पाए जाते हैं । जो शरीर का मेटाबॉलिज्म सही करने के साथ-साथ वजन कम करने के लिए भी मददगार होते हैं ।
शतावरी का प्रयोग नींद की कमी माइग्रेन ,मानसिक तनाव आदि से छुटकारा दिलाता है । शतावरी का पाउडर बाजार में कई कंपनियों द्वारा बनाया जाता है ।
शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए भी पुरुष एवं महिला दोनों में इसका सेवन अत्यधिक फायदेमंद होता है।मौसम के कारण होने वाली खांसी ,जुकाम ,गला बैठना इत्यादि में प्रयोग कराया जाता है । शतावरी में कई एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें सफेद मूसली-
ताकत का खजाना कहीं जाने वाली है आयुर्वेदिक औषधि हर किसी के मुंह पर रटी हुई है। सफेद मूसली का इस्तेमाल शक्ति वर्धक योग बनाने में किया जाता है । यह औषधि पोषक तत्वों जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन ,फाइबर ,कैल्शियम, पोटेशियम मैग्नीशियम से भरपूर मूत्र रोग, डायबिटीज, पुरुषत्व की कमी के साथ-साथ कई अन्य लोगों में इसका प्रयोग करवाया जाता है । सफेद मूसली में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने और anti-inflammatory को पाए जाते हैं ।
कई कंपनियां इसका मुसली पाउडर और मूसली पाक नाम से भी बाजार में मेडिकल स्टोर पर बिकती है । इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में भी इसका प्रयोग करवाया जाता है।शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है।दूध के साथ इसका सेवन करने से वजन बढ़ता है।
जबकि गर्म पानी के साथ इसका सेवन करना वजन को कम करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। जोड़ों का दर्द अर्थराइटिस, गठिया जैसे रोगों में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है ।
वैज्ञानिक शोध में पाया गया है सफेद मूसली किस सेवन से कैंसर कोशिकाओं कि बढ़ने का खतरा कम होता है।अधिक मात्रा में सेवन आपके पाचन तंत्र पर प्रभाव डाल सकता है ।गर्भवती महिलाएं इसके सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह जरूरी है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें पीपला मूल-
पिपली की मूल को ही पिपरामुल कहते हैं । एंटीसेप्टिक ,एंटीबायोटिक, बुखार उतारने के गुण , शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधि है । इसका प्रयोग सर्दी के लड्डू को बनाने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है । पाचन तंत्र को अच्छा करने वाला , प्रजनन हार्मोन ग्रंथियों को सक्रिय करने वाला और वीर्य शुद्धि एवं बढ़ाने वाला होता है ।
गुजरात में गंठोडा नाम से से जाना जाता है ।दांतों के रोग, बच्चों में खांसी जुकाम की समस्या, गला बैठना, दम की शिकायत, नींद ना आना, मोटापा, केलोस्ट्रोल की समस्या, साइटिका, मातृत्व दूध की कमी, वात रोग,
मासिक धर्म की समस्याएं, कमजोरी, कान का दर्द, पीलिया,हिचकी रोग, कब्जी की शिकायत ऐसे ही कहीं रोगों में इसका सेवन फायदेमंद होता है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें खसखस-
खसखस का प्रयोग भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है । यह एक ताकतवर औषधि है । सूजन को कम करने की , पेट के कीड़ों को मारने, त्वचा रोगों को दूर करने, डायबिटीज, मांसपेशियों की कमजोरी, बवासीर, खून की कमी, वात रोगों में प्यास एवं अधिक पसीना आने की समस्या में प्रयोग करवाया जाता है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें सोंठ –
यह एक उष्ण वीर्य औषधि है । इम्युनिटी बढ़ाने वाली, पाचन तंत्र को सुधारने वाली, खासकर सर्दियों के लड्डुओं में इसका प्रयोग किया जाता है । इसका अधिक मात्रा में सेवन पित्त को बढ़ाता है । इसकी सीमित और निर्धारित मात्रा ही सेवन करनी चाहिए ।
यह वात रोगों, कब्ज ,साइटिका, खांसी जुकाम, दमा,बुखार में प्रयोग करवाई जाती है । कफ को बाहर निकालने वाली औषधि है । इसका प्रयोग चाय के रूप में, काढ़ा बनाकर सेवन किया जा सकता है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें हल्दी-
हल्दी का प्रयोग करने से शरीर में सूजन दर्द कम होता है । बाहरी लेप करने से घाव जल्दी सूखते हैं ।हल्दी के सेवन करने वालों को हार्ट अटैक का खतरा कम होता है । घुटनों के दर्द को दूर करने के लिए इसका प्रयोग फायदेमंद होता है ।
नींद की कमी डायबिटीज के रोगियों को किस का सेवन करना चाहिए । रात को सोते समय एक चम्मच हल्दी दूध के साथ( गोल्डन मिल्क) सेवन करने से कम बीमार पड़ते हैं ।
हल्दी का प्रयोग सामान्य सर्दी जुकाम, पेट दर्द, खांसी , त्वचा रोग, सूजन, दर्द को दूर करने के लिए फायदेमंद होती है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें गूगल-
सर्दियों में दवाई के रूप में लड्डुओं में वनस्पति गोंद का प्रयोग किया जाता है । शरीर में इसके सेवन से मान स्पेशल लिगामेंट मजबूत होते हैं । यह वात शामक होता है । जो हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ हड्डियों का एवं जोड़ों का दर्द भी दूर करता है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें अलसी-
फ्लैक्सीड नाम से अंग्रेजी में बात करती हुई कई लोगों को सुना होगा । फ्लैक्सीड कोई और नहीं बल्कि अलसी है ।अलसी का प्रयोग हमारे बड़े बुजुर्ग मुखवास के रूप में चबाते थे । अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है । कई कंपनियां फ्लेक्स ऑयल को दोगुना 3 गुना कीमतों पर बाजार में कैप्सूल बेच रही है ।
अलसी को रात को भीगा कर सुबह सेवन करने से शरीर में क्या फायदे होते हैं । ह्रदय के लिए अत्यंत ही फायदेमंद होता है । हार्ट ब्लॉकेज की समस्या दूर होती है ।
अलसी वात और कफ दोनों दोषों में फायदेमंद है । अलसी का सेवन शारीरिक ताकत बढ़ाने इस साथ-साथ जोड़ों का दर्द, राजयक्ष्मा ( ट्यूबरक्लोसिस) अर्श भगंदर, प्लीहा का बढ़ना, मूत्र रोगों, गठिया जैसे रोगों से दूर रखती है ।
बुढ़ापा कैसे दूर करें ऑलिव ऑयल-
अंग्रेजी में ऑलिव ऑयल हिंदी में जैतून का तेल कहते हैं । ऑलिव ऑयल का प्रयोग दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है । मूंगफली के तेल सरसों के तेल और अन्य ऑयल के मुकाबले यह अच्छा माना जाता है ।
अन्य ऑयल से इसकी कीमत ज्यादा होती है । क्योंकि इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक प्रॉपर्टीज आई जाती है । इसमें एंटीऑक्सीडेंट anti-inflammatory विटामिन इ पॉलीफेनॉल साइटोस्ट्रोल पाया जाता है ।
विटामिन ई एंटी एजिंग का कार्य करता है । बढ़ती उम्र को रोकने के साथ-साथ अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है । खाने में इसका प्रयोग अत्यंत ही फायदेमंद बताया गया है । बच्चों को मालिश के लिए इसका तेल प्रयोग किया जाता है ।
हल्के हाथों से मालिश करने पर त्वचा की चमक बढ़ती है।झुर्रियां कम होती है । कोलेस्ट्रॉल को कम करता है क्योंकि इसमें 70% मोनोसैचुरेटेड फेट इसमें पाया जाता है । जैतून का तेल मेटाबॉलिज्म को सही करता है ।
तनाव को कम करने के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर कोटी नियंत्रित करता है । माइग्रेन के रोगियों को इसका सेवन करने से फायदा होता है ।हड्डियों को मजबूत करता है ।
बुढ़ापे को दूर रखने वाले एवं कमजोरी को दूर करने वाले खाद्य पदार्थ
बादाम-
बादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड के साथ कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं ।रोजाना 4- 6 बदाम रात को भीगा कर रखें । सूखे बदाम की बजाय रात को भिगाए हुए बादाम सुबह दूध के साथ इसका सेवन करना फायदेमंद होता है । यह शारीरिक और दिमागी शक्ति को बढ़ाता है ।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन द्वारा एक शोध में पाया गया कि बादाम खाने से मधुमेह होने की संभावना बहुत अब तक काम होने की गुंजाइश होती है । वजन को नियंत्रित करने के लिए बादाम का सेवन अत्यंत ही फायदेमंद होता है ।
क्योंकि इसमें प्रोटीन फाइबर और कैलशियम , मैग्निशियम अन्य न्यूट्रिएंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं । यह त्वचा के लिए अत्यंत फायदेमंद सुखा मेवा है । वजन बढ़ने से रोकता है । एंटी ऑक्सीडेंट तत्व और विटामिन ई एंटी एजिंग उम्र बढ़ने से रोकते हैं ।
अखरोट-
अखरोट में कई प्रकार के विटामिंस पाए जाते हैं । इसे भी भीगा कर खाने से इसकेअधिक फायदे होते हैं । अखरोट में प्रोटीन कैल्शियम मैग्नीशियम आयरन फास्फोरस सेलेनियम ओमेगा 3 फैटी एसिड विटामिन मिनरल्स फाइबर फेट पाए जाते हैं । इसे फलों का राजा भी कहा जाता है ।
डायबिटीज से बचे रहने के लिए इसका सेवन अत्यंत फायदेमंद होता है । बढ़ती उम्र को रोकता है । शोध में पाया गया है की रोजाना दो से तीन अखरोट का सेवन टाइप टू डायबिटीज के खतरे को कम करता है ।
पिस्ता-
आप सभी जानते हैं पिता एक सुखा मेवा है।आजकल प्राइड पिस्ते बाजार में अवेलेबल है।आप चाहे तो इसे घर पर भी फ्राई कर सकते हैं । इसमें फाइबर ,कार्बोहाइड्रेट, अमीनो एसिड फेट के साथ होता है।मानसिक तनाव को दूर करता है।
कमजोरी दूर करने के लिए पिस्ता का प्रयोग फायदेमंद होता है। याददाश्त क्षमता को बढ़ाता है । पिस्ता का प्रयोग करने से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है । इसलिए यह ह्रदय के लिए भी फायदेमंद है।
अंजीर-
अंजीर पर एक तरह का ड्राई फ्रूट है । इसका प्रयोग करने से पेनक्रियाज( अग्नाशय) ठीक रहता है। आप सभी जानते हैं अग्नाशय का संबंध शुगर से है। अंजीर का सेवन करने से तंत्र ठीक होता है । आंतों से संबंधित समस्याएं दूर होती है।
बार-बार पेशाब आने की समस्या, मुंह के छाले, दमा रोग, खांसी इत्यादि रोगों के लिए लाभदायक है। ट्यूबरक्लोसिस के रोगी को रोजाना एक अंजीर खाना चाहिए । अंजीर का उपयोग दिन में एक या दो करना चाहिए।
खजूर –
खजूर एक ऐसा फल है । जिसका प्रयोग करने से कई प्रकार की बीमारियां दूर रहती है । यह ताकतवर और पौरुष शक्ति बढ़ाने वाला होता है । खजूर में अमीनो एसिड्स पाए जाते हैं । खजूर में b1, B2, B3 ,B5, ए 1 के साथ-साथ विटामिन सी पाया जाता है ।
खजूर में मैग्नीशियम पोटेशियम कोपस सेलेनियम हड्डियों को मजबूत करता है । एनीमिया के रोगियों के लिए खजूर अत्यंत ही फायदेमंद है । क्योंकि इसमें आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है ।
पाचन तंत्र को सुधरता है।रोजाना 4-5 खजूर को दूध के साथ उबालकर अथवा सीधा खा सकते हैं । यह शरीर में तुरंत एनर्जी पैदा करने वाला होता है।रतौंधी की शिकायत को दूर करता है ।
केला-
केले में प्रचुर मात्रा में फाइबर, पोटेशियम ,कैल्शियम ,और विटामिन सी पाया जाता है । केले में अत्यधिक मात्रा में कार्यरत पाया जाता है । यह तुरंत एनर्जी देने वाला खाद्य पदार्थ है । हृदय के लिए फायदेमंद होता है ।
रोजाना 4 से 5 केले खाने चाहिए । शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित रहता है । शारीरिक कमजोरी दूर होती है । बनाना शेक बनाकर अथवा दूध के साथ केला खाने से दो-तीन महीने में शरीर का वजन बढ़ता है । खून की कमी को दूर करता है ।
तनाव दूर रखता है ।हड्डियों में मजबूती लाता है।शरीर में स्फूर्ति पैदा करता है।मधुमेह के रोगियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
आम-
फलों का राजा आम।आम के कई सारे फायदे हैं।शरीर का वजन बढ़ाने के लिए आम का सेवन दूध के साथ करना चाहिए। आम में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं । प्रोस्टेट कैंसर ,कोलन कैंसर से बचाव करता है ।
विटामिन ए की भरपूर मात्रा के कारण आम आंखों के लिए फायदेमंद होता है । रतौंधी रोग में फायदा होता है ।और आंखों की रोशनी बढ़ती है ।
कोलेस्ट्रोल लेवल को नियमित करता है । गर्मियों के दिनों में शरीर को हाइड्रेट रखता है । गर्मी के मौसम में आम को खाना चाहिए ।
मूंगफली –
गरीबों का बादाम कहे जाने वाली मूंगफली । सर्दियों के मौसम में मूंगफली गुड़ की गजक खाई जाती है । मूंगफली में प्रोटीन पाया जाता है। पीनट बटर बनाया जाता है । मूंगफली ह्रदय के लिए लाभदायक होती है । कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखती है ।
मधुमेह रोगी मूंगफली का प्रयोग सीमित मात्रा में कर सकते हैं ।मूंगफली में प्रोटीन के साथ-साथ, ओमेगा 3, फाइबर, बायोटीन,थाईमीन, फास्फोरस, कॉपर मैग्नीशियम पाया जाता है । मूंगफली से एलर्जी वाले लोगों को मूली का सेवन नहीं करना चाहिए ।
शारीरिक ताकत को बढ़ाता है । खून की कमी को दूर करता है । एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण बढ़ती उम्र को रोकता है ।त्वचा के लिए फायदेमंद होता है । कैल्शियम और विटामिन डी होने के कारण हड्डियों में मजबूती प्रदान करता है ।
चना-
चने खाने से कई फायदे होते हैं । नाश्ते के रूप में इसका प्रयोग अत्यंत ही लाभकारी होता है । रात को भीगे हुए चने को सुबह खाने से इम्युनिटी बढ़ती है ।
चने में विटामिन के साथ-साथ फास्फोरस क्लोरोफिल मिनरल पाए जाते हैं । सुबह में 100 ग्राम चने का नाश्ता करने से । पेट की समस्याएं दूर होती है कब्ज दूर होती है । खाली पेट काले चने का प्रयोग करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है ।
नारियल-
नारियल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है । इसलिए नारियल के लड्डू सर्दियों में बनाए जाते हैं । नारियल में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं ।
नारियल पानी बॉडी को हाइड्रेट करता है । अन्य सूखे मेवे के साथ में नारियल का प्रयोग किया जा सकता है । यह इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला एंटीबैक्टीरियल एंटीफंगल होता है । विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए यह अत्यधिक फायदेमंद होता है ।
मेथी-
मेथी हरी हो या मेथी के दाने श्री के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं । सर्दी में बनाए जाने वाले लड्डू में भी मेथी का प्रयोग किया जाता है । मेथी वात शामक है ।
मेथी दाना का प्रयोग हाई बीपी, डायबिटीज, शारीरिक कमजोरी आदि के लिए मेथी दाना अत्यंत लाभकारी है । मैथी में आयरन कैल्शियम फास्फोरस प्रोटीन विटामिन k पाया जाता है ।
शकरकंद-
सर्दियों के समय होने वाला यह जमीन कंद शरीर के लिए फायदेमंद होता है । शकरकंद में विटामिन ए ,विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है । जोआंखों की रोशनी बढ़ाता है । शकरकंद में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है । जो पेट के लिए अत्यंत अच्छा रहता है ।
हृदय रोगियों के लिए यह अच्छा क्योंकि की मात्रा को नियंत्रित करता है । पाचन तंत्र को सुधार ता है । आयरन की भरपूर मात्रा होने के कारण पीलिया के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है । स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन करके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ा सकता है । beta-carotene पाया जाता है जो बाद में विटामिन ए में बदल जाता है ।
फलों का रस-
मौसम के अनुसार मिलने वाले सभी फलों को खाना चाहिए । साथ ही साथ फलों के रस का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है । फलों में प्रचुर मात्रा में न्यूट्रिएंट्स होते हैं ।
शरीर को ताकत देने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी सुधारते हैं । रोगियों को फलों का सेवन करें के लिए इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनका जल्दी पाचन हो जाता है । जो तुरंत एनर्जी और पोषक तत्व को शरीर में पहुंचाते हैं ।
क्या करें क्या नहीं करें?
रोजाना 30 मिनट का व्यायाम या योग करें ।
6 से 8 घंटे की नींद ले ।
नॉनवेज और जंक फूड को ना खाएं ।
धूम्रपान तंबाकू एवं शराब का सेवन ना करें ।
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