सारिवादि वटी का उपयोग

सारिवादि वटी का उपयोग

सारिवादि वटी का उपयोग- यह एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त औषधि है। खनिज भस्म एवं काष्ट औषधियों के मिश्रण से तैयार की गई यह आयुर्वेदिक औषधि है । विशेषकर कान के रोगों के लिए प्रयुक्त की जाने वाली औषधि कई अन्य रोगों में भी लाभदायक है । सारिवादि वटी कि घटक द्रव्य सेवन मात्रा फायदों के बारे में जानिए ।

सारिवादि वटी के घटक द्रव्य

(र. यो. सा. के अनुसार)

  1. अनंतमूल( सारीवा)
  2. यष्टिमधु
  3. दालचीनी
  4. तेज पत्र
  5. कुठ
  6. इलायची
  7. नागकेसर
  8. प्रियंगु
  9. कमल के फूल
  10. गिलोय
  11. हरीतकी
  12. विभितकी
  13. अमलकी
  14. अभ्रक भस्म
  15. लौह भस्म

उपरोक्त सभी काष्ट औषधियों को 1-1 माशा अभ्रक भस्म और लोह भस्म की 14 – 14 माशा की मात्रा ली जाती है ।

भावना द्रव्य

सफेद अर्जुन छाल का काढ़ा

मकोय का रस

भांगरे का रस

गुंजा मूल का काढ़ा

जवके का काढ़ा

1-1 भावना देकर 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम की गोलियां बनाई जाती है ।

सेवन मात्रा

125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।

अनुपान

चंदन के अर्क के साथ, अथवा ताजा दूध या शतावरी के काढ़े के साथ में सेवन करें ।

सारिवादि वटी का उपयोग एवं फायदे

  • सभी प्रकार के कानों के रोगों में फायदेमंद होती है । जैसे कान में संक्रमण के कारण कान का बहना, कानों में दर्द, कानों में कम सुनाई देना ।
  • श्वास रोग में इसका प्रयोग फायदेमंद होता है ।
  • पुराना बुखार हो
  • रक्तपित्त
  • नपुंसकता
  • मिर्गी की समस्या हो
  • बवासीर की समस्या हो सभी में फायदेमंद होता है ।
  • मधुमेह रोग में फायदेमंद है ।
  • ह्रदय एवं धमनियों को को मजबूती प्रदान करने वाली रसायन औषधि है ।
  • इसी कारण से मस्तिष्क में आई गर्मी को दूर करके वात वाहिनी की विकृति को दूर करने के कानों में आई कमजोरी और बधिरता को दूर करता है ।
  • कान की हड्डी गलने पर ऑडिटरी नर्व का कर्ण छिद्र से विच्छेद जाने पर हो जाने पर इस औषधि से आशातीत परिणाम नहीं मिलते हैं ।
  • संक्रमण से लड़ने की क्षमता के कारण चिकित्सक अ कई अन्य प्रकार क रोगों में भी इसका प्रयोग करते हैं ।
  • नशे को दूर करती है ।

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कहाँ से ख़रीदे ?

सावधानी

चिकित्सक की देखरेख में औषधि का सेवन करें ।

सामान्य तापमान पर भंडारण करें ।

नमी, धूप, गर्मी से दूर रखें ।

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

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चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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