समीर गजकेसरी रस sameer gaj kesari ras यह एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त दवा है। जिसका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों के लिए किया जाता है ।
Table of Contents
समीर गजकेसरी रस sameer gaj kesari ras के घटक द्रव्य
(र.चं के अनुसार)
- शुद्ध हिंगुल (वैकल्पिक)
- काली मिर्च
- शुद्ध अफीम
- शुद्ध कुचिला
- सभी की बराबर मात्रा में
- अदरक के रस में 6 घंटे तक खरल में घोटने के बाद 25 से 30 मिलीग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बनायी जाती है ।
समीर गजकेसरी रस sameer gaj kesari ras सेवन मात्रा
25 मिलीग्राम से 50 मिलीग्राम की मात्रा पानी अथवा पान के साथ दिन में दो बार । रोग ,आयु, बल, तीव्रता के अनुसार मात्रा में भेद हो सकता है । चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।
समीर गजकेसरी रस sameer gaj kesari ras के फायदे
- सभी प्रकार की पुराने वात रोगों में
- आमवात की समस्या जिसमें इंफेक्शन या पेट की समस्या के कारण रस आतो में सही तरह से अवशोषित नहीं होता है और आम शेष रह जाता है । जिससे आम सहित दस्त होते हैं। पेट दर्द के साथ में कई अन्य उपद्रव होते हैं। जिसे आमातिसार और आम वात कहते है ।समीर गजकेसरी रस samir gajkesri ras इन समस्याओ के लिए फायदेमंद है।
- पुराना जुकाम जिसमें नाक से गिरने वाला नासा स्त्राव कुपित होकर तथा दिमाग के लिए नुकसानदायक हो जाता है। पुराने जुकाम मे समीर गजकेसरी रस samir gajkesri ras का प्रयोग फायदेमंद है परंतु नए जुकाम में इसका सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।
- पेट दर्द की समस्या में
- किडनी का दर्द की समस्या में
- अपेंडिसाइटिस का दर्द की समस्या में
- आँतों का दर्द की समस्या में
- भूख की कमी की समस्या में
- कमर दर्द की समस्या में
- साइटिका की समस्या में
- अवबाहुक की समस्या में
- सांस लेने में कठिनाई
- उन्माद की समस्या में
- शोक की अवस्था
- मिर्गी रोग की समस्या में
- हैजा ( विसूचिका)
- अतिसार
- ग्रहणी रोग की समस्या में
- संग्रहणी रोग की समस्या में इत्यादि में फायदेमंद है।
सावधानी
मिर्गी का तीव्र दौरा होने पर सेवन नहीं करना चाहिए ।
शुरुआती नजला जुखाम में इसका प्रयोग ना करें ,क्योंकि जुखाम तीव्रता के बाद ही इसका उपयोग फायदेमंद होता है ।
चेतावनी – इस लेख में दि गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है किसी भी आयुर्वेदिक दावा के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है ।
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