कब्ज के लिए योगासन -आज के समय की एक आम समस्या हो गई है जिनके कारण तरह-तरह की बीमारियां बच्चों से लेकर बूढ़ों में होने लगती है । आयुर्वेद एवं योग विज्ञान में पाचन तंत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है । पाचन तंत्र के स्वस्थ होने पर लगभग व्यक्ति स्वस्थ ही रहता है । परंतु जैसे ही पाचन तंत्र की गड़बड़ियां शुरू होती है शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं शुरू हो जाती है ।
Table of Contents
कब्ज के कारण होने वाले रोग एवं समस्याएं
- गैस की समस्या
- सिर दर्द की समस्या
- अर्ष बवासीर पाइल्स
- त्वचा के रोग
- पेट दर्द
- जी घबराना
वैसे तो कब्ज की कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां अक्सर लोग खाते रहते है । लेकिन इसकी आदत भी लग सकती है । इसलिए हम यहां आपको कुछ ऐसे योगाभ्यास बताने वाले हैं जिससे आपकी कब्ज की शिकायत दूर हो सके।
योग अपने आप में एक पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है । जिसे हमारे पूर्वजों और ऋषि-मुनियों ने हमें विरासत में दिया है । योगाभ्यास योग में महाराज दिलाता है। कुछ योगासन करके आप अपने स्वास्थ्य को नहीं रख सकते हैं ।
सूर्य नमस्कार
कब्ज के लिए योगासन-सूर्य नमस्कार अपने आप में कई आसनों को समेटे हुए हैं । सूर्य नमस्कार का भली प्रकार विधि पूर्वक करने से न केवल कब्ज में बल्कि कई रोगों से निजात दिलाता है । नीचे दिए गए चित्र में आसनों को करने की प्रत्येक मुद्रा दे रखी है जिसे देखकर आसानी से सूर्य नमस्कार कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार करने से पहले आपका पेट खाली होना चाहिए । इस बात का ध्यान अवश्य रखें।
सुप्तबुद्ध कोणासन
आसन करने की विधि
योगा मैट लेवे ।
सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
दोनों हथेलियां जमीन पर सीधी रखें।
दोनों पैरों के को आपस में मिलाने जिसके लिए घुटनों को मोड़ना पड़ेगा।
धीरे-धीरे घुटनों को बाहर की तरफ अर्थात जमीन की तरफ ले जाएंगे। जैसा चित्र में दे रखा है। जितना हो सके नीचे की तरफ ले जाकर 5 मिनट तक इसी मुद्रा में रहे । फिर धीरे- धीरे घुटनों को बीच में लेकर आए। के बाद पैरों को सीधा कर ले और सामान्य अवस्था में आ जाए।
फायदे:-
पेट के सभी अंगों को स्टिम्युलेट करता है। बांझपन इनफर्टिलिटी की कुछ समस्या को दूर करने में मदद करता है।
किडनी स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद है।
कब्ज की शिकायत को दूर करता है।
मासिक धर्म को नियमित बनाए रखने में मदद करता है ।
आसन नहीं करें
किसी की सर्जरी करवाने के बाद
पीठ में किसी भी प्रकार की चोट
घुटनों की समस्या
कमर की समस्या इत्यादि में ना करें।
हलासन -कब्ज के लिए योगासन
आसन करने का तरीका
योगा मैट पर पैरों को सीधा कर पीठ के बल लेट जाए। दोनों हाथ हिप्स के पास में अवस्था में रखें धीरे-धीरे दोनों पैरों को श्वास को छोड़ते हुए 90 डिग्री के कोण से सिर की तरफ झुकाते हुए सिर के पीछे की तरफ जितना हो सके ले जाए। शुरुआत में पैर को जमीन पर पीछे की तरफ पढ़ाने में समस्या हो सकती है परंतु धीरे-धीरे अभ्यास के बाद हलासन को आराम से कर पाएंगे।
फायदे :-
कब्ज से राहत दिलाए।
पेट से संबंधित रोगों के लिए
कमर पतली करने में सहायक
थायराइड रोगी को फायदा होता है
मधुमेह रोगियों को फायदा होता है
रक्त परिसंचरण मजबूत होता है
आंखों की समस्या से निजात मिलती है
चेहरे पर रिया पिंपल एक्ने आंखों के नीचे काला घेरा पर डार्क सर्कल्स धीरे धीरे कम हो जाते है।
बच्चों में हाइट बढ़ाने में मदद करता है।
आसन नहीं करें
गर्दन सर्वाइकल कंधे में किसी तरह की चोट या साइटिका का दर्द होने पर नहीं करें।
अर्धमत्स्येंद्रासन- कब्ज के लिए योगासन
आसन करने की विधि
अर्धमत्स्येंद्रासन -पैरों को लंबा कर के बैठ जाए । उल्टे पैर को घुटने से मुड़ा कर क्रॉस करके दूसरी तरफ रख दे। लंबे पैर को बुलाकर हिप के नीचे दबा ले। उल्टे हाथ को घुटने से अंदर की तरफ इस तरह फसाए की मुड़े हुए पैर का अंगूठा पकड़ पाए । अब धीरे-धीरे पीछे की तरफ देखें । इस मुद्रा में 1 मिनट तक रखें। श्वास की प्रक्रिया सामान्य रखें । इसी प्रकार पूरी प्रक्रिया को दूसरी तरफ करें।सामान्य अवस्था में आ जाएं।1 से 5 बार दिन में करें
- फायदे
- पेट से संबंधित समस्याओं एवं रोगों में फायदा होता है ।
- लिवर किडनी और पेनक्रियाज के लिए अत्यंत फायदेमंद है।
- शरीर की फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ाता है।
- रीड की हड्डी किस समस्याओं में फायदा दिलाता है ।
- मधुमेह रोगी के लिए लाभदायक है।
- हार्मोन डिसबैलेंस की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
आसन को नहीं करें
किसी भी प्रकार की चोट या फ्रैक्चर में
गर्दन या कंधे की चोट अथवा पेट आँत अथवा ह्रदय के ऑपरेशन होने पर।
मयूरासन-कब्ज के लिए योगासन
मोर के जैसी अवस्था में आना।
सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाए । पद्मासन लगा सकते हैं तो पद्मासन लगाकर अपने हाथों की हथेलियों को 2 इंच की दूरी का अंतर रखते हुए अंगुलियों को पैरों की तरफ रखकर को हथेलियों के बल पर अपने पूरे शरीर को नाभि से तीन अंगुल ऊपर कोहनियों को लगाकर शरीर का संपूर्ण भार संतुलित कर जो आतंकी मुद्रा बनती है वह मयूरासन कहलाता है।
मयूरासन के फायदे
डायबिटीज के रोगियों के लिए अत्यंत फायदेमंद है ।
गरिष्ठ भोजन को पचाने की ताकत पैदा कर देता है ।
कब्ज की समस्या से निजात दिलाता है।
कलाइयों को मजबूत बनाता है।
आसन नहीं करें
हृदय रोग की
पेट के अल्सर की समस्या में
हर्निया की समस्या में
टेनिस एल्बो की समस्या में।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में।
बालासन-कब्ज के लिए योगासन
शिशु आसन या इसे चाइल्ड पोज भी कहते हैं ।
पैरों को मोडकर पंजों के ऊपर बैठ जाए ।
स्वास को खींचते हुए आगे की तरफ झुके। हाथों को पीछे की तरफ रखें। अगर आप हाथों को पीछे ले जाने में असमर्थ है तो हाथों को आगे की तरफ सीधा भी रख सकते हैं।
सांसो को रोक कर रखें। सांस को छोड़ते हुए पुनः वापस पहले वाली स्थिति में आ जाए।
ऐसा 10 बार करें।
दिन में सुबह या शाम खाली पेट करना चाहिए।
फायदे
कब्ज की समस्या को दूर करें
पेट की गैस की समस्या को दूर करता है।
मधुमेह के रोगियों को फायदा होता है।
मस्तिष्क में रक्त का परिसंचरण अच्छा करता है।
शरीर को ताकत देता है और सुडोल बनाता है।
धनुरासन
श्वास को भर के पेट के बल लेट है पैरों को हाथों से पकड़े जितना हो सके आगे से ऊंचा उठे और पैरों को हाथों से खींच धनुष की तरह आकृति बनाएं । जितना हो सके आगे से सिर को उठाएं और पीछे से पैरों को उठाएं। आगे से दोनों हाथों को आगे की तरफ फैलाएं और पैरों को जमीन से छुए बिना कुछ ऊंचाई पर रखें इस अवस्था में जितनी देर अपने आप को रोक सके रुके। धीरे से सामान्य अवस्था में आ जाए ।
फायदे
कब्ज को दूर करता है
शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है
कंधों को मजबूत करने में मदद करता है
पेट से संबंधित रोगों में फायदा पहुंचाता है
बच्चों की लंबाई बढ़ाने में सहायक है
किडनी लीवर से संबंधित रोगों में फायदा पहुंचाता है
रीड की हड्डी को मजबूत एवं लचीला बनाता है
अस्थमा के रोगियों को फायदा होता है
आसन नहीं करें
हर्निया के रोगी
उच्च रक्तचाप के रोगी
ऑपरेशन करवाने के बाद
गर्भवती महिलाएं
किसी भी प्रकार की चोट अथवा इंजरी में।
भुजंगासन
पेट के बल सोए
हाथों को कंधों की सीध में रखें
पैरों को सीधा एवं पंजों को आपस में सटाकर रखें।
नाभि से ऊपर की तरफ सीने को हाथों के बल से ऊपर की तरफ करते हुए सांस ले और ऊपर की तरफ देखें। सांस को छोड़ते हुए नीचे की तरफ सामान्य अवस्था में आए। हाथों को समानांतर आगे की तरफ सोई हुई अवस्था में आगे करें। तीन बार लंबी लंबी सांस लें। वापस चाइल्ड पोज यानी कि बालासन में आ जाए।
5 से 10 बार
फायदे
कमर दर्द
पेट की चर्बी को दूर करें
कब्ज की शिकायत को दूर करें।
आसन नहीं करें
प्रक्रिया को धीरे धीरे करें जल्दबाजी नहीं करें।
किसी भी प्रकार की इंजरी या ऑपरेशन में आसन को ना करें।
इस लेख का उद्देश्य चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आसन को करने से पूर्व योग प्रशिक्षक की सलाह अवश्य ले।
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