अश्वगंधा पाक: आयुर्वेदिक जीवन शक्ति बढ़ाने वाले घटक, निर्माण विधि, स्वास्थ्य लाभ और सेवन मात्रा

अश्वगंधा पाक

अश्वगंधा पाक आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध औषधि है, जिसके उपयोग से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। यह बल, वीर्य, और ओज को बढ़ाता है, साथ ही वात और पित्त दोष को संतुलित करता है।

अश्वगंधा पाक के घटक द्रव्य

अश्वगंधा पाक एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे मुख्य रूप से अश्वगंधा और अन्य औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं:

  1. अश्वगंधा (प्रधान द्रव्य) – 480 ग्राम
  2. गाय का दूध – 6 किलो
  3. दालचीनी – 12 ग्राम
  4. तेजपता – 12 ग्राम
  5. नागकेशर – 12 ग्राम
  6. इलायची – 12 ग्राम
  7. वंशलोचन – 7 ग्राम
  8. जायफल – 7 ग्राम
  9. केशर – 7 ग्राम
  10. मोचरस – 7 ग्राम
  11. जटामांसी – 7 ग्राम
  12. चन्दन – 7 ग्राम
  13. खैरसार – 7 ग्राम
  14. जावित्री – 7 ग्राम
  15. पिप्पला मूल – 7 ग्राम
  16. लौंग – 7 ग्राम
  17. कंकोल – 7 ग्राम
  18. पाढ़ – 7 ग्राम
  19. अखरोट – 7 ग्राम
  20. भिलावा – 7 ग्राम
  21. सिंघाड़ा – 7 ग्राम
  22. गोखरु – 7 ग्राम
  23. रस सिंदूर – 7 ग्राम
  24. अभ्रक भस्म – 7 ग्राम
  25. नाग्भ्स्म – 7 ग्राम
  26. वंग भस्म – 7 ग्राम
  27. लौह भस्म – 7 ग्राम
  28. चीनी – 3 किलो

अश्वगंधा पाक बनाने की विधि

  1. अश्वगंधा का महीन चूर्ण बनाकर, इसे गाय के दूध में मिलाकर गाढ़ा होने तक पकाएं।
  2. दूध गाढ़ा होने पर इसमें दालचीनी, तेजपता, इलायची, और नागकेशर मिलाएं।
  3. अन्य सभी जड़ी-बूटियों का चूर्ण बनाकर मिश्रण में मिलाएं।
  4. चीनी की चासनी तैयार करें और इसमें ऊपर का मिश्रण मिलाएं।
  5. अच्छे से मिलाकर ठंडा होने पर एयर टाइट डिब्बे में संग्रहीत करें।

अश्वगंधा पाक के फायदे

  • शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि।
  • तनाव, चिंता में कमी और बेहतर नींद।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।
  • धातु रोग, शुक्राणु की कमी और शीघ्रपतन में लाभदायक।
  • शरीर की कमजोरी दूर करता है और बल प्रदान करता है।

सेवन मात्रा

  • वयस्कों के लिए, दिन में दो बार 10 से 20 ग्राम तक की मात्रा में, दूध या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं।
  • सेवन की सटीक मात्रा और दौरानिकता आपके स्वास्थ्य स्थिति और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर निर्भर करती है।

सेवन से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना सबसे उत्तम होता है, खासकर यदि आप किसी विशिष्ट स्वास्थ्य स्थिति से गुज़र रहे हों।

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