कैसे शांत करें शरीर की गर्मी : टॉप आयुर्वेदिक फूड्स और डाइट टिप्स – आयुर्वेद में ‘पित्त’ दोष के असंतुलन से शरीर में गर्मी की समस्या मानी जाती है। जब पित्त दोष बढ़ जाता है, तो शरीर में अत्यधिक गर्मी महसूस होने लगती है, जिसे शांत करने के लिए विशेष आयुर्वेदिक डाइट का पालन किया जा सकता है। यहाँ ऐसी डाइट के बारे में विस्तार से बताया गया है जो शरीर की गर्मी को शांत कर सकती है:
Table of Contents
आयुर्वेदिक डाइट: शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए
1. ठंडे और शीतल पेय और आहार
- नारियल पानी: यह न केवल शीतल होता है बल्कि इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है जो हाइड्रेशन बढ़ाता है।
- छाछ: दही से बनी छाछ पेट को ठंडा रखती है और डाइजेशन में सहायक होती है।
- आम पन्ना: कच्चे आम से बना आम पन्ना पित्त शामक होता है और गर्मी दूर करता है।
2. शीतल और सुपाच्य फल
- तरबूज और खरबूज: ये फल उच्च मात्रा में पानी युक्त होते हैं और शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं।
- नाशपाती और सेब: ये फल भी पित्त शामक होते हैं और गर्मी के प्रभाव को कम करते हैं।
3. हरी पत्तेदार सब्जियां
- पुदीना, ककड़ी, और लौकी: ये हरी सब्जियां पित्त को शांत करने में मदद करती हैं और शरीर को ठंडा रखती हैं।
4. सुपाच्य ग्रेन्स और अनाज
- चावल और जौ: ये अनाज पित्त शांत करने में उप
योगी होते हैं और आसानी से पचते हैं।
- मूंग दाल: हल्की और पित्त शामक मूंग दाल गर्मियों में उत्तम मानी जाती है।
5. स्पाइसेस और हर्ब्स
- धनिया और फेनल सीड्स: ये मसाले शरीर की गर्मी को नियंत्रित करते हैं।
- हल्दी और जीरा: इनका उपयोग भी शरीर की गर्मी को कम करने में किया जाता है।
खाने का समय और तरीका
- समय पर भोजन करें: नियमित अंतराल पर खाना खाने से पित्त दोष नियंत्रित रहता है।
- धीरे-धीरे खाएं: भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं, इससे पाचन क्रिया सुधरती है और पित्त दोष का संतुलन बना रहता है।
शरीर की गर्मी को कम करने के लिए उपरोक्त आयुर्वेदिक डाइट का पालन करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ और पेय न केवल शरीर को शांत करते हैं बल्कि आपकी समग्र ऊर्जा को भी संतुलित करते हैं।