धान्यपंचक क्वाथ dhany panchak kwath – धान्य से यहाँ धनिया है और पंचक से कुल पांच औषधीय मिलकर धान्य पंचक का निर्माण करती है । यह आयुर्वेदिक औषधीय योग का वर्णन भैषज्य रत्नावली में मिलता है ।हम जानेंगे की इसमें क्या क्या घटक द्रव्य मिलाये जाते है? कितनी मात्र में मिलाये जताए है ? इस औषधि का सेवन किन रोगों के लिए किया जाता है ? कितनी मात्रा में सेवन करना है । कब सेवन करना है ? इत्यादि प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे –
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धान्यपंचक क्वाथ के घटक द्रव्य
- धनिया
- सोंठ
- मुस्तक
- सुगंधबाला
- बिल्व फल मज्जा
सभी की सामान मात्रा में मिला कर मोटा दरदरा क्वाथ बना लेवे ।
धान्यपंचक क्वाथ के फ़ायदे
- अतिसार (दस्त ) में फायदेमंद
- प्रवाहिका में फायदेमंद
- ग्रहणी में फायदेमंद
- अपच आफरा में फायदेमंद
- भूख की कमी में फायदेमंद
- पाचन की कमजोरी दूर करे
- कब्ज की शिकायत में फायदेमंद
- फ़ूड पोइजनिग में हितकर
सेवन मात्रा –
उबले हुए काढ़े का 10 ml से 50 ml तक दिन में दो बार खली पेट या कुछ खाने के बाद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करे ।
काढ़ा बनाने की विधि –
२० ग्राम काढ़े की मात्रा लेकर 250 मिलीलीटर पानी में 1 कप की मात्रा रहने तक धीमी आंच पर पकाये फिर छान कर सेवन करे ।
सावधानी –
- अधिक मात्रा में सेवन न करे ।
- चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करे ।
- काष्ठ औषधियों का सुखा क्वाथ 6 माह पूर्व बना हुआ क्वाथ ही सेवन करे ।
- ताजा बना हुआ तरल क्वाथ सेवन करे ।
पथ्य –
आम तौर पर पेट की समस्या के लिए इसका परामर्श आयुर्वेद चिकित्सको द्वारा दिया जाता है । इसलिए ज्यादा भरी भोजन का त्याग करे । हल्का भोजन करे मुंग दलीया खिचड़ी इत्यादि ।
चेतावनी – इस लेख में दि गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है किसी भी आयुर्वेदिक दावा के सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह अवश्य लेवे ।
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