सर्दी खांसी के घरेलू उपचार effective-herbal-tea-for-the-rainy-season -बारिश का मौसम आते ही घर में बच्चे हो या बूढ़े सबको कुछ ना कुछ स्वास्थ्य शिकायत शुरू हो जाती है। बदलते मौसम में संक्रमण का बढ़ना और संक्रमण का फैलना आम बात है।
खासकर बच्चों में खांसी जुकाम और बुखार की समस्या इस मौसम में होती ही है। इसका मुख्य कारण वातावरण में आए बदलाव से बैक्टीरिया और वायरस का एक्टिव हो जाना। इसके साथ ही मौसम बदलने के साथ ठंडक बढ़ती है तो बच्चों में नाक से पानी छींक आना आंखें लाल होना जैसी आम समस्याएं होने लगती है।
वृद्ध जनों में आमतौर पर इस मौसम में खांसी और सांस लेने की समस्याएं पैदा हो सकती है।
आज हम इस पोस्ट में बताने वाले हैं कि कैसे आप इन स्वास्थ्य समस्याओं से घरेलू चाय और घरेलू उपाय से ठीक कर सकते हैं।
Table of Contents
हर्बल चाय की सामग्री
- एक छोटा टुकड़ा अदरक कसा हुआ
- 10 से 12 तुलसी के पत्ते
- एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर
- 2 से 3 काली मिर्च
- शहद (अवश्यकता अनुसार )
- तीन कप पानी
हर्बल चाय बनाने की विधि effective-herbal-tea-for-the-rainy-season
- सबसे पहले आपको तीन कप पानी को अदरक तुलसी के पेट हल्दी पाउडर और काली मिर्च को डालना है और उबालना है।
- इसके बाद 10 से 15 मिनट तक इसको आधा रहने तक उबालना है।
- आधा रहने पर घर के सभी सदस्यों को गुनगुना चाय की चुस्की की तरह पीने से गले में राहत मिलती है और दिन में काम से कम दो बार करने से खांसी एवं सांस लेने की समस्या में भी फायदा होता है।
- इसमें जरूर हो तो शहर मिल सकते हैं शक्कर या प्रयोग नहीं करें। सर्दी खांसी के घरेलू उपचार , बरसात के मौसम में असरकारक है घरेलू हर्बल चाय
हर्बल चाय के फायदे- effective-herbal-tea-for-the-rainy-season
- मौसम बदलने के साथ में हमारी रोग प्रतिरोधक काम हो जाती है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
- अदरक तुलसी हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेटरी एंटीबैक्टीरियल और इम्यूनिटी बूस्टर होने के कारण खांसी जुकाम और सांस लेने की समस्या में फायदा होता है।
- हर्बल टी से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
उपयोग करने का तरीका-
हर्बल टी का उपयोग दिन में दो बार 10 ml की मात्रा वयस्क को सेवन करना चाहिए। एवं बच्चों में इसे 5 ml की मात्रा दे सकते हैं अगर पीने में दिक्कत हो तो शुद्ध शहद का उपयोग कर सकते हैं जो एक चम्मच मिलाकर सिरप की तरह पिला सकते हैं।
जानकारी शैक्षिक उद्देश्य से लिखी गई है। चिकित्सा सलाह नहीं है किसी भी आयुर्वेदिक दवा के पूर्व आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह ले।