फंक्शनल गेस्ट्रो इंटेसटाइनल डीसआर्डर Functional gastrointestinal disorders FGID क्या है ? अरे गबराए नहीं ! इस नाम को देख के ! यह शिशुओ में होने वाली आम समस्या है! इस समस्या में बच्चे परेशान रहते है ! चिडचिडापन रहता है! बच्चो के पेट में दर्द हो सकता है! उलटी या दस्त या कब्जी शिकायत हो सकती है !
Table of Contents
फंक्शनल गेस्ट्रो इंटेसटाइनल डीसआर्डर Functional gastrointestinal disorders (FGID) होने के कारण
वैसे तो इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है की इसका कारन क्या है ! फिर भी ये कारन हो सकते है !
१ .कई बार बच्चो का पूर्ण विकास माँ के गर्भ में नहीं हो पाने के कारण पाचन तंत्र का पूर्ण विकास ना हो पाना !
२. गलत तरीके के दूध पिलाना या ऊपर का दूध पिलाना!
३. अनावश्यक रूप के ६ माह से पहले ऊपर का दूध देना !
४. बच्चो के उपयोग किये जाने वाले बर्तनों को साफ सफाई का ध्यान न देना !
५. बार बार फीडिंग करवाना !
फंक्शनल गेस्ट्रो इंटेसटाइनल डीसआर्डर Functional gastrointestinal disorders (FGID) के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव –
१. बच्चो शरीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्यपर बुरा प्रभाव पडता है !
२. बच्चो का वजन कम रह सकता है !
३. शिशुओ में कुपोषण हो सकता है !
४. बच्चे देर से चलाना शुरू कर सकते है !
५. माता पिता को तनाव हो सकता है !
फंक्शनल गेस्ट्रो इंटेसटाइनल डीसआर्डर Functional gastrointestinal disorders (FGID) में क्या करे ?
१. बच्चे या शिशु को माता अपना दूध पिलाने के बाद डकार दिलवाए ! ( बच्चे या शिशु की कंधे पर रखे !
२. एक निश्चित अन्तराल के बाद थोडा थोडा करके दूध पिलाये !
३. जीरा अजवाईन का पानी पिलाये !
४. बच्चे को सीधी स्थिति में आराम दायक अवस्था में रख कर दूध पिलाये !
५. हरड को गिस कर चटाए !
५. अच्छे बाल चिकित्सक से बच्चे के पोषण हेतु परामर्श करे !
फंक्शनल गेस्ट्रो इंटेसटाइनल डीसआर्डर Functional gastrointestinal disorders (FGID) क्या न करे ?
१. ६ माह से पहले बच्चे को कोई भी बाहरी दूध न दे! माँ का दूध ही श्रेष्ठ है !
२. माँ के द्वारा भरी भोजन का सेवन न किया जाय !
३. ६ माह के बाद ही गाय या बकरी का दूध जरुरत के हिसाब से सेवन करवाए !
इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए बाल रोग चिकित्सक से पराम करे!
(और पढ़े ….. स्वर्णप्राशन बच्चो के लिए )