Table of Contents
मकरध्वज गुटिका क्या है?
मकरध्वज गुटिका एक अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे वाजीकरण और रसायन गुणों से भरपूर माना गया है। यह शरीर की धातु पुष्टि करने के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक है। यह औषधि विशेष रूप से उन समस्याओं के लिए उपयोगी है जो कमजोरी, नपुंसकता और मानसिक तनाव से संबंधित होती हैं।
मकरध्वज गुटिका के घटक (Ingredients of Makardhwaj Gutika)
- पूर्ण चंद्रोदय मकरध्वज
- स्वर्ण भस्म
- भीमसेनी कपूर
- जाति फल (जायफल)
- मरीच (काली मिर्च)
- लवंग (लौंग)
- लता कस्तूरी के बीज
- नागवेल पत्र स्वरस (भावना के लिए)
इन घटकों का संयोजन इस औषधि को अत्यधिक प्रभावशाली बनाता है। मकरध्वज गुटिका विभिन्न आयुर्वेदिक कंपनियों द्वारा टेबलेट रूप में बनाई जाती है और यह आयुर्वेदिक स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है।
मकरध्वज गुटिका के उपयोग और फायदे (Benefits of Makardhwaj Gutika)
1. नपुंसकता और यौन स्वास्थ्य
पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी, उनकी गुणवत्ता में गिरावट और नपुंसकता जैसी समस्याओं में मकरध्वज गुटिका का उपयोग प्रभावी माना गया है। यह वृष्य गुणों से भरपूर औषधि यौन शक्ति और क्षमता को बढ़ाती है।
2. दमा और खांसी में उपयोगी
धातुओं के पोषण में कमी के कारण उत्पन्न दमा और खांसी जैसी समस्याओं में मकरध्वज गुटिका उपयोगी साबित होती है। यह श्वसन तंत्र को मजबूत करती है।
3. मधुमेह में कमजोरी का समाधान
डायबिटीज के कारण शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के लिए इस औषधि का उपयोग चिकित्सक द्वारा सुझाया जाता है।
4. शारीरिक कमजोरी को दूर करना
यह औषधि कुपोषण और कमजोरी के कारण उत्पन्न रोगों, जैसे राज्यक्षमा (टीबी), में भी सहायक है। मकरध्वज गुटिका शरीर की धातु पुष्टि करती है और ताकत प्रदान करती है।
5. मानसिक दुर्बलता का उपचार
पोषण की कमी का असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इस औषधि का सेवन मानसिक दुर्बलता को कम करने में सहायक है।
6. निसंतानता का समाधान
पुरुषों में नपुंसकता और कमजोरी के कारण उत्पन्न निसंतानता में मकरध्वज गुटिका का उपयोग फायदेमंद साबित हुआ है।
सेवन विधि और मात्रा (Dosage and Administration)
सेवन मात्रा
- वयस्कों के लिए: 125 से 250 मिलीग्राम, दिन में एक या दो बार।
- सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार करें।
अनुपान (With Which to Take)
- दूध,
- शहद,
- नागवेल पत्र का रस।
बीमारी और शारीरिक स्थिति के आधार पर अनुपान का चयन चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए।
सावधानियां (Precautions)
- इस औषधि को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- धूम्रपान, शराब और तंबाकू का सेवन न करें।
- आमचूर, अचार, दही और छाछ का सेवन न करें।
- फास्ट फूड और मैदे से बनी चीजों से बचें।
- दिन में न सोएं और रात में देर तक जागने से बचें।
चेतावनी (Disclaimer)
यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्य से है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व अधिकृत आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें ।
(और पढ़ें….सफेद मूसली – ताकत का खजाना…..)
(और पढ़े……पथरी का इलाज.. )
(और पढ़ें…साइटिका के दर्द के कारण तथा उपचार Causes and treatment of sciatica pain……)