आखिर क्यों ब्लड शुगर का लेवल कम ज्यादा होता है why does blood sugar fluctuate

Symptoms of Diabetes in Hindi

आखिर क्यों ब्लड शुगर का लेवल कम ज्यादा होता है why does blood sugar fluctuate ब्लड शुगर का स्तर कम या ज्यादा होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि खाने का समय, शरीर का वजन, व्यायाम की मात्रा और दवाओं का सेवन। इसके अलावा, ब्लड शुगर का स्तर अलग-अलग बीमारियों जैसे मधुमेह, थायराइड असंतुलन, पैनक्रिएटाइटिस और कुछ अन्य रोगों से भी प्रभावित हो सकता है।

ब्लड शुगर के मान क्या होते हैं

ब्लड शुगर के मान मिलीमोल प्रति लीटर (mmol/L) या मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर (mg/dL) में नापे जाते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के ब्लड शुगर का सामान्य रेंज नाश्ते से पहले खाली पेट में 70 से 100 mg/dL (3.9 से 5.6 mmol/L) होता है और नाश्ते के बाद 140 mg/dL (7.8 mmol/L) से कम होना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों में उच्च और कम ब्लड शुगर के स्तरों का नियंत्रण निर्देशानुसार अन्य रेंज में होता है।

II. ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के तरीके

ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के कुछ तरीके हैं:

1. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लेना ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विशेषकर जिन लोगों को मधुमेह है, उन्हें उनके आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा की मात्रा का संतुलन बनाए रखना चाहिए।

2. व्यायाम: व्यायाम भी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। योग, सायकील चलाना, जॉगिंग या कुछ भी फिटनेस एक्सरसाइज आपके शरीर को एक अच्छी रेंज में रख सकते हैं और इस प्रकार ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

3. दवाएं: मधुमेह जैसे कुछ रोगों के लिए दवाएं उपलब्ध होती हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं को सिर्फ डॉक्टर के परामर्श के अनुसार लेना चाहिए।

4. स्ट्रेस कम करें: स्ट्रेस ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है, इसलिए स्ट्रेस को कम करने के तरीके जैसे मेडिटेशन, योग और व्यायाम करना चाहिए ।

III. ब्लड शुगर के स्तर कम होने के कारण

ब्लड शुगर के स्तर कम होने के कुछ कारण हैं

1. डायबिटीज के दवाओं का अधिक सेवन

2. खुराक में विवेकी तौर पर कमी

3. भूख लगने के बावजूद अधिक व्यायाम करना

4. थायराइड समस्याएं

5. गुर्दे की समस्याएं

6. शरीर में खून की कमी

7. अल्कोहल का अधिक सेवन

8. स्ट्रेस

9. जिगर की समस्याएं

10. दवाओं का उपयोग (जैसे कि एंटीबायोटिक्स और एंटीडिप्रेसेंट्स)

यदि आपका ब्लड शुगर के स्तर में कमी होने का कारण आपकी स्वास्थ्य से संबंधित है, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

IV. ब्लड शुगर के स्तर बढ़ने के कारण

ब्लड शुगर के स्तर बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1. खुराक में शुगर की मात्रा बढ़ना: ज्यादा मिठाई, शक्कर, और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है।

2. बढ़ती वय: बढ़ती उम्र के साथ, इंसुलिन के प्रतिरोध के कारण ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि होती है।

3. अधिक वजन: अतिरिक्त वजन और मोटापा ब्लड शुगर के स्तर में बढ़ोतरी के कारण होते हैं।

4. नियमित अभ्यास की कमी: व्यायाम न करने से शरीर में जमा शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है।

5. स्ट्रेस: स्ट्रेस शरीर में अधिक कैटेकोलामाइन और ग्लुकोज उत्पन्न करता है जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है।

6. अन्य समस्याएं: नींद न आना, नियमित रूप से सिगरेट पीना, उच्च रक्तचाप और कुछ दवाओं के सेवन से भी ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि हो सकती है।

V. ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए दवाओं का सेवन

डायबिटीज के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल की प्रथम विधि आहार व प्राकृतिक उपचार होते हैं। आयुर्वेद में इस रोग को मधुमेह के नाम से जाना जाता है और इसके उपचार के लिए एक संपूर्ण दीप्ति की विधियाँ मौजूद होती हैं। कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवाइयों के नाम निम्नलिखित हैं:

1. जम्बूल बीज: जम्बूल बीज या स्यजिग्नम के बीज ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।

2. गुड़मार: गुड़मार में विशेष रूप से चर्बीय एसिड होता है, जो मधुमेह के लिए लाभदायक होता है।

3. नीम: नीम के पत्ते और नीम का तेल ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

इसके अलावा भी कई और आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

अगर ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने के लिए आप अंग्रेजी दवाओं का सेवन करना चाहते हैं तो यह आपके चिकित्सक द्वारा सलाह ले सकते है ।

VI. ब्लड शुगर के स्तर का नियमित जांच और टेस्टिंग का महत्व

ब्लड शुगर का नियमित जांच और टेस्टिंग करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह डायबिटीज जैसी बीमारियों का पता लगाने में मदद करता है। ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से जांचा जाना चाहिए ताकि किसी भी अनुपयुक्त स्तर का पता लगाया जा सके और समय पर उपचार किया जा सके।

यह टेस्ट कई तरह से किया जा सकता है, जिसमें फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट (Fasting Blood Sugar Test), रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट (Random Blood Sugar Test), ओजीबी टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test) और हेमोग्लोबिन ए1सी टेस्ट (Hemoglobin A1C Test) शामिल हैं।

फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट रात को खाने के बाद 8 से 10 घंटे बाद किया जाता है। रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट किसी भी समय किया जा सकता है। ओजीबी टेस्ट में, पहले व्यक्ति को एक ग्लूकोज द्रव दिया जाता है और फिर उसके बाद उसका ब्लड शुगर टेस्ट किया जाता है।

हेमोग्लोबिन ए1सी टेस्ट (Hemoglobin A1C Test) एक रक्त परीक्षण होता है जो डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर कंट्रोल करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। यह टेस्ट ब्लड में शुगर (ग्लुकोज) के साथ-साथ एक विशेष प्रकार के हेमोग्लोबिन की मात्रा को भी मापता है, जो शुगर के साथ ग्लिकोजिलेटेड हेमोग्लोबिन के रूप में जाना जाता है।

यह टेस्ट ब्लड में शुगर कंट्रोल करने की गुणवत्ता का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है कि शुगर कितने समय तक नियंत्रित रहता है। हेमोग्लोबिन ए1सी का स्तर निर्धारित करने से डॉक्टर ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए दवाओं की मात्रा या तरीके को समझने में सक्षम होता है। इस टेस्ट का समय सीमा 3 महीनों का होता है, क्योंकि हेमोग्लोबिन की जीवदृष्टि सिर्फ 3 महीनों तक होती है।

डॉक्टर या आपका प्राथमिक चिकित्सक आपके हेमोग्लोबिन ए1सी लेवल को जांचने के लिए टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।आखिर क्यों ब्लड शुगर का लेवल कम ज्यादा होता है why does blood sugar fluctuate

VII. ब्लड शुगर के स्तर कम या ज्यादा होने के रोगों का विस्तार से वर्णन

ब्लड शुगर के स्तर कम या ज्यादा होने से अनेक रोग होते हैं।

ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा होने पर एक रोग होता है डायबिटीज (Diabetes) जिसे मधुमेह भी कहते हैं। यह एक मेटाबोलिक रोग होता है जिसमें शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं करता है या फिर इंसुलिन उत्पादन नहीं करता है।

इसके अलावा ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे रोग हो सकते हैं जिनमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल शामिल होते हैं।

ब्लड शुगर का स्तर कम होने पर हाइपोग्लाइसेमिया (Hypoglycemia) हो सकता है जिसमें शरीर में शुगर का स्तर असामान्य रूप से कम हो जाता है। यह रोग डायबिटीज के इलाज में दवाओं या इंसुलिन के ज्यादा सेवन से भी हो सकता है।

अन्य रोग जो ब्लड शुगर के स्तर कम होने से हो सकते हैं वे हैं – वीपीडी (Very Low-Calorie Diet), कैंसर, अल्कोहलिजम, अधिक व्यायाम, शारीरिक श्रम, एचआईवी इन्फेक्शन

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VIII. ब्लड शुगर के स्तर के संबंध में आम गलतफहमियां

ब्लड शुगर के स्तर के संबंध में कुछ आम गलतफहमियां हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1. शुगर को कम करने के लिए सिर्फ मीठे खाने और चीनी से बचने की जरूरत है।

2. सिर्फ मोटापा ही ब्लड शुगर स्तर को बढ़ाता है।

3. ब्लड शुगर स्तर कम होने पर सभी को इंसुलिन की जरूरत होती है।

4. शुगर से पूरी तरह से बचा नहीं जा सकता है या इसे ठीक किया नहीं जा सकता है।

इन गलतफहमियों के बारे में सही जानकारी होना चाहिए। ब्लड शुगर स्तर को कम करने के लिए सही आहार, व्यायाम और दवाइयों का सेवन करना जरूरी है। शुगर से पूरी तरह से बचा जा सकता है यदि आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं और समय-समय पर ब्लड शुगर स्तर की जांच कराते हैं। आखिर क्यों ब्लड शुगर का लेवल कम ज्यादा होता है why does blood sugar fluctuate

IX. ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आहार और व्यायाम के महत्व

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए सही आहार और व्यायाम का महत्व अत्यंत अहम होता है। यह संभव होता है कि आपके ब्लड शुगर का स्तर समय से पहले ही संतुलित रहता हो या नियंत्रण में रहता हो जब आप स्वस्थ खाने के साथ साथ अपने दैनिक जीवन में नियमित व्यायाम करते हैं।

आहार में विटामिन, फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व शामिल होने चाहिए जो आपको उर्जा देंगे और ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करेंगे। अपने आहार में फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज, मुलेठी और मेथी जैसी वसा नहीं रखने वाली चीजें शामिल करें। अधिक फाइबर से भरपूर आहार से अधिक प्राकृतिक उबले हुए अनाज और अंडे, मछली जैसे ऊँट के दूध वाले पदार्थ शामिल करें जो विटामिन ए और डी जैसे विटामिन और प्रोटीन प्रदान करते हैं।

अपने दैनिक जीवन में नियमित व्यायाम करना ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में नियमित व्यायाम का बहुत महत्व होता है। व्यायाम करने से शरीर के अंदर इन्सुलिन का उत्पादन बढ़ता है जो शुगर को शरीर में स्थानांतरित करने में मदद करता है। इसके अलावा, व्यायाम से शरीर के मांसपेशियों में ग्लूकोज का उपयोग बढ़ता है जो शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है।

व्यायाम करने के लिए आप योग, चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, स्विमिंग आदि कुछ भी कर सकते हैं। हालांकि, ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए, आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। अधिकतम लाभ पाने के लिए, आपको कम से कम 30 मिनट से अधिक समय तक अपने शरीर को गतिशील बनाए रखने की आवश्यकता होती है। आखिर क्यों ब्लड शुगर का लेवल कम ज्यादा होता है why does blood sugar fluctuate

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