आयुर्वेद ग्रंथों के नाम-आयुर्वेद विश्व का प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान है । हमारे ऋषि-मुनियों एवं आचार्यों ने तत्कालीन समय के अनुसार अलग-अलग भाषाओं में आयुर्वेद के ग्रंथ की रचना की । कालांतर में समय की आवश्यकता के अनुसार ग्रंथों को अन्य भाषाओं मे लिपिबद्ध किया गया । आज के समय में हिंदी संस्कृत मराठी गुजराती तथा विभिन्न भाषाओ में आयुर्वेद का ज्ञान समाहित है । हम यहां पर कुछ आयुर्वेद के ग्रंथ के नाम बता रहे हैं ।
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आयुर्वेद हिंदी ग्रंथों के नाम-
- अनुभूत योगमाला (अ .यो मा.)
- बाल चिकित्सा (बा .चि .)
- तिब्बे अकबर (ति .अ .)
- इलाजुल गुर्वा (इ .गु .)
- खूबचंद चिकित्सा (खु. चि . )
- चारू चिकित्सा (चा. चि ).
- चिकित्सा चंद्रोदय (चि . च .)
- स्वास्थ्य रक्षा (स्वा.र .)
आयुर्वेद संस्कृत ग्रन्थ
- अनुपान तरंगिणी (अ नु . त )
- अष्टांग ह्रदय (अ . ह .)
- चरक संहिता (च .स .)
- सुश्रुत संहिता(सु .स )
- भाव प्रकाश (भा .प्र .)
- भारत भैषज्य रत्नाकर (भा . भै. र .)
- माधव निदान (मा. नि .)
- गदनिग्रह (ग . नि .)
- चक्रदत्त (च .द )
- निघन्टू रत्नाकर (नि . र )
- बृहत निघन्टू रत्नाकर (बृ. नि . र )
- बंग सेन (बं . से )
- योग रत्नाकर (यो . र.)
- रस कामधेनु (र . का .)
- रसचण्डांशु (र .च .)
- रस तरंगिणी (र. त .)
- रस चिंतामणि (र .चि .)
- रस रत्नाकर (र.र.)
- रस योगसागर (र .यो.)
- रस रत्न समुच्चय (र .र .स )
- रसायन सार (र .सा .)
- रस राज सुन्दर (र.रा. सु .)
- रसेन्द्र सार संग्रह (र .सा.सं )
- वृन्द माधव (वृ .मा .)
- वैद्य जीवनम ( वै. जी .)
- शाङ्गर्धर संहिता (शा.सं .)
- हारित संहिता (हा . सं.)
- सिद्धभेषज्य मञ्जूषा (सि . भे .म )
- सिद्ध भेषज्य मणिमाला (सि . भे .म )
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आयुर्वेद गुजरती ग्रन्थ
- आर्य औषध ( आ.औ .)
- आर्य भिषक (आ .भि .)
- आयुर्वेद निबंधमाला (आ.नि .मा .)
- रसोद्वार तंत्र (र .त )
- वैधक चिकित्सा सार (वै.चि .सा .)
- वैधक सम्बन्धी विचारो (वै.स. वि .)
- रसायन सार संग्रह (र .सा .सं )
- घर वेद्य (घ .वै.)
- अनुभूत प्रयोगावली (अनु.प्र )
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आयुर्वेद मराठी ग्रन्थ
- औषध गुणधर्म शास्त्र (औ .गु .ध .शा )
- वैधक सार संग्रह (वै .सा स )
- आर्य वेद्य कलानिधि (आ .क .नि .)
यह जानकारी सभी के साथ शेयर करें क्योंकि आयुर्वेद देसी चिकित्सा विज्ञान है इसे हर भारतीय को अपनाना चाहिए । विश्व में आयुर्वेद की ख्याति तभी बन सकती हैं जब आयुर्वेद का ज्ञान विश्व में अपनाया जाए ।
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