उशीरासव के फायदे

उशीरासव के फायदे

क्या आपको लगातार नकसीर की समस्या है? क्या आपको गुदा अथवा जननांग मार्ग से रक्त आने की समस्या है? जानिए उशीरासव के फायदे को

उशीरासव भैषज्य रत्नावली के अनुसार रक्तपित्त रोगाधिकार- यह कषाय और शीतलता देने वाला, जलन को कम करने वाला, मूत्रल एवं रक्तस्तंभक आसव है।

पित्त रोगों में पित्त का शमन करके रक्त का पोषण करने वाला आसव है। नाक से खून आने, गुदा मार्ग से खून आना, मूत्र मार्ग से खून आना जैसी समस्याओं के लिए उत्तम दवा है।

पित्त प्रकृति वाले रोगियों में सर्दी एवं गर्मी की ऋतु के लिए उपयोग किए जाने वाला यह आसव अत्यंत गुणकारी है।

आइए जानते हैं उशीरासव के घटक द्रव्य-

उशीरासव के घटक द्रव्य

  1. उशीर 2 भाग
  2. किरातिक्त 1 भाग
  3. प्रियंगु 1 भाग
  4. कमल 3 भाग
  5. कर्चुर 1 भाग
  6. मोचरस 1 भाग
  7. गंभारी 1 भाग
  8. वट 1 भाग
  9. पद्मक 1 भाग
  10. उदुम्बर 1 भाग
  11. लोध्र 1 भाग
  12. पर्पट 1 भाग
  13. मंजिष्ठा 1 भाग
  14. पटोल 1 भाग
  15. दुरालभा 1 भाग
  16. कांचनार 1 भाग
  17. पाठा 1 भाग
  18. जम्बू 1 भाग
  19. धातकी के फूल 16 भाग
  20. द्राक्षा 20 भाग
  21. मधु (शहद) 50 भाग
  22. शर्करा 100 भाग
  23. गुड़ आवश्यकता के अनुसार

उशीरासव के फायदे एवं उयोग

  • रक्तपित्त-ख़ून के स्त्राव को रोकने वाला रक्त स्थम्भक है ।
  • रक्त प्रदर- रक्त का अत्यधिक मात्रा में जननांग से होना।
  • श्वेत प्रदर- सफेद पानी की समस्या या संक्रमण के कारण बदबूदार स्त्राव
  • मूत्र रुक रुक कर आने की समस्या ।
  • मूत्र में जलन ।
  • बार बार प्यास लगने की समस्या।
  • तलवो एवं शरीर मे जलन की शिकायत।
  • रक्तार्श-गुद मार्ग से मांसंकुर से रक्त आना।
  • रक्त की गुणवत्ता में सुधार करता है ।

सेवन मात्रा-

दो से चार चम्मच 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा बराबर गुनगुने पानी से सुबह शाम भोजन के उपरांत चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।

सावधानी

बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

पित्तवर्धक खट्टे एवं अभिष्यंदी बेसन मैदे के तले हुए खाद्य पदार्थ सेवन ना करें।

निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें।

ठंडे सूखे एवं स्वच्छ स्थान पर रखें।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। आजकल ऑनलाइन भी कई स्टोर पर बेचा जाता है।

चेतावनी- इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

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