कर्पूर रस के फायदे- आयुर्वेदिक अस्पताल में जाने वाले सभी रोगियों के मुंह पर कुछ एक दवाइयों के नाम मुंह जवाब होते हैं । उसमें से एक है कर्पूर रस । आज हम जानेंगे अनुपम आयुर्वेदिक औषधि योग को इसकी घटक द्रव्य क्या-क्या है? किन किन रोगों में फायदा करता है? इसके साथ ही सेवन विधि और सावधानी के बारे में ।
वैसे तो इस औषधि को दस्त की दवा के रूप में अधिकतर जानते हैं । परंतु इसके साथ-साथ कई लाभ और भी है जो आपको इस पोस्ट में देखने को मिलेंगे ।
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कर्पूर रस के घटक द्रव्य
- कर्पूर
- शुद्ध हिंगुल
- शुद्ध अफीम
- नागरमोथा
- इंद्रयव
- जायफल
बनाने की विधि-
सभी को बराबर मात्रा में 3 घंटे तक अदरक के स्वरस में खरल में घोटना है । फिर इसके बाद में छोटी-छोटी गोलियां 50 mg से 100mg की बना सकते हैं ।
कर्पूर रस के फायदे
- बुखार के साथ में होने वाले दस्त की शिकायतमें उसका प्रयोग कराया जाता है
- खून के साथ होने वाली दस्त में लाभदायक ।
- बुखार के साथ पसीना चक्कर और जलन आंखों में नीला नीला दिखाई देना तथा साथ में होने वाली दस्त की शिकायत में अधिक लाभ मिलता है ।
- आम दोष के कारण झागदार मल त्यागने की समस्या को दूर करता है ।
- रक्त युक्त दुर्गंध पैदा करने वाला मल की समस्या से निजात दिलाता है ।
- अफीम के कारण यह रक्त को रोकने वाला तथा स्तंभन गुण होने के कारण दर्द निवारक का कार्य भी करता है ।
सेवन मात्रा
वयस्क – १ से २ गोली सुबह शाम भूखे पेट या खाने के बाद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करे ।
बच्चो के लिए – १/२ गोली भोजन के बाद (बिना चिकित्सक की देखरेख के प्रयोग न करवाए )
कहाँ से ख़रीदे ?
हर आयुर्वेद मेडिकल पर आसानी से उपलब्ध है । ऑनलाइन खरीदने के लिए निचे के चित्रों पर क्लिक करे ।
सावधानी –
अफीम के प्रयोग के कारन ज्यादा लेना अहितकर हो सकता है । बिना चिकित्सक की सलाह के प्रयोग न करे ।
चेतावनी – इस लेख में दि गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक दवाई के सेवन से पूर्व रजिस्टर्ड चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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