कैशोर गुग्गुलु का उपयोग

कैशोर-गुग्गल-का-उपयोग

कैशोर गुग्गुलु का उपयोग कैशोर गुग्गुलु-आयुर्वेदिक औषधि है । इस औषधि को आयुर्वेद विशेषज्ञ द्वारा विभिन्न रोगों में उपयोग किया जाता है । परंतु मुख्य रूप से इस औषधि का उपयोग गठिया वातरक्त वातरोग चरम रोग के लिए किया जाता है । कैशोर गुग्गुलु का उपयोग जानने से पहले घटक द्रव्य के बारे में हम आगे जानेंगे । औषधी गोली ( टेबलेट फॉर्म) के रूप में आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाती है ।

कैशोर गुग्गुलु के घटक द्रव्य-

  1. हरितकी( हरड़)
  2. विभितकी( बहेड़ा)
  3. आमलकी( आंवला)
  4. शुंठी ( सोंठ )
  5. गुडुची( गिलोय)
  6. मरीच( काली मिर्च)
  7. पिपली
  8. विडंग
  9. त्रिवृत्त
  10. दंतीमूल
  11. गाय का घी
  12. गुग्गुलु( अमृता शोधित)

भावना-

गुडूची क्वाथ आवश्यकता अनुसार

हरीतकी क्वाथ आवश्यकता अनुसार

विभितकी ख्वाब आवश्यकतानुसार

आमलकी क्वाथ आवश्यकता अनुसार

कैशोर गुग्गुलु सेवन मात्रा-

एक से दो गोली दिन में दो बार अधिकृत आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।

कैशोर गुग्गुलु अनुपान –

दूध, पुनर्नवासव, महामंजिष्ठादि काढ़ा, गुनगुने जल के साथ चिकित्सक के निर्देशानुसार रोगी के अनुसार अनुपान का सेवन करें ।

कैशोर गुग्गुलु का उपयोग

  • गुडूची कैशोर गुग्गुलु घटक द्रव्य होने के कारण गिलोय के कई फायदे होते हैं । जिसमें मेटाबॉलिज्म ठीक होता है । मधुमेह रोगियों को अधिक लाभ होता है । रक्त विकार के रोगियों को जिन्हे स्किन डिजिट की प्रॉब्लम है । उन लोगों को अत्यधिक लाभ होता है ।
  • गिलोय के कारण यह खून को साफ करने वाला है ।
  • गुग्गुलु– गूगल एक मध्यम आकार की वृक्ष से निकलने वाला निर्यास ( गोंद) है । जो वृक्षों से एकत्रित कर शोधित करने के बाद औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है ।
  • गूगल त्रिदोष नाशक है । अर्थात यह तीनों दोषों को संतुलित करता है । आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में वात पित्त और कफ के असामान्य हो जाने के कारण तथा इनमें विकृति आने के कारण बीमारियां उत्पन्न होती है ।
  • गूगल में सूजन को कम करने वाले गुण, दर्द को कम करने वाले गुण , यकृत को उत्तेजित करने वाले गुण, रक्त को साफ करने वाले गुण, और इसके साथ ही अनावश्यक चर्बी को कम करने के गुण होते हैं ।

कैशोर गुग्गल के फायदे-

  1. गुग्गुलु में तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने की लिए भी चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किया जाता है ।
  2. गूगल में मूत्रल अर्थात अधिक मूत्र लाने वाले गुण भी होते हैं ।
  3. गूगल में कृमि नाशक गुण भी पाए जाते हैं पेट के कीड़ों को भी खत्म कर देते हैं कैशोर गुग्गुलु
  4. भेषज्य रत्नावली के अनुसार- रोगाधिकार वातरक्त दिया गया है ।
  5. वात रक्त आयुर्वेद में उस स्थिति को माना जाता है । जब शारीरिक रक्त के अंदर वात का प्रकोप होने के कारणअम्ल का बढ़ जाना है ।
  6. सामान्य भाषा में समझे तो खून की खराबी समझ सकते हो ।
  7. शारीरिक रक्त में के अंदर अम्ल की मात्रा बढ़ जाना जिसे आधुनिक विज्ञान यूरिक एसिड का बढ़ जाना कहां जाता है ।
  8. जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो शरीर में यूरिक एसिड की क्रिस्टल हड्डियों के बीच में आकर गठिया बाई रोग को पैदा करते हैं ।
  9. शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए ही कैशोर गुग्गुलु का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा किया जाता है
  10. कैशोर गुग्गुलु वात रोग, संधिवात, गठिया सभी रोगों में चिकित्सकों द्वारा अवश्य लिखी जाती है ।
  11. कैशोर गुग्गुलु दर्द को काम करता है, नाड़ी संस्थान में सुधार करता है ।
  12. केवल वात रोगों में ही नहीं अभी तो रक्त विकार तरह-तरह की त्वचा गत बीमारियां जिसे ठीक करने के लिए आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा सहायक औषधि के रूप में कैशोर गूगल को कैसे लिखते हैं ।
  13. कैशोर गूगल का उपयोग पेट की कब्जी तथा भूख की कमी में भी उपयोग किया जाता है ।
  14. मधुमेह हो जाने के बाद में जब किसी रोगी में कहीं पर भी व्रण होने पर इस औषधि का सेवन अवश्य करवाया जाता है ।
  15. यह घाव को सुखाने वाली तथा घाव को जल्दी भरने वाली औषधि है । आपने जाना कैशोर गुग्गुलु का उपयोग

सावधानी

औषधि का सेवन चिकित्सक के परामर्श पर ही सेवन करें ।

चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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