चिरायता (Swertia chirayita) के फायदे

चिरायता (Swertia chirayita) के फायदे

चिरायता (Swertia chirayita) के फायदे

चिरायता (Swertia chirayita) के फायदे – चिरायता, जिसे संस्कृत में ‘किराततिक्ता’ के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है जो आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका प्रमुख गुण तिक्त (कड़वा) होता है, जो इसे कई औषधीय गुणों से युक्त बनाता है।

श्लोक:

किराततिक्ता तिक्तैषा त्रिदोषहर शीतला |
ज्वरकुष्ठविषंहन्त्री पाचन्या दीपनी परा ||

प्रमुख गुणधर्म:

  1. त्रिदोषहर: यह औषधि वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में सहायक होती है।
  2. शीतल: इसका शीतल प्रभाव शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
  3. ज्वरनाशक: यह ज्वर (बुखार) को कम करने में अत्यंत प्रभावी है।
  4. कुष्ठनाशक: त्वचा रोगों, विशेषकर कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) के उपचार में सहायक।
  5. पाचन सुधारक: पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
  6. दीपन: भूख बढ़ाने में सहायक।

चिरायता के फायदे:

  1. ज्वर (बुखार):
  • प्रभाव: ज्वरनाशक गुणों के कारण यह विभिन्न प्रकार के बुखार को कम करता है।
  • उपयोग: ज्वर की स्थिति में चिरायता के काढ़े का सेवन लाभकारी होता है।
  1. पाचन तंत्र:
  • प्रभाव: पाचन को सुधारता है और भूख को बढ़ाता है।
  • उपयोग: पाचन की समस्याओं में चिरायता का पाउडर या काढ़ा लेना चाहिए।
  1. त्वचा रोग:
  • प्रभाव: कुष्ठ, एक्जिमा, और अन्य त्वचा रोगों में लाभकारी।
  • उपयोग: त्वचा रोगों में चिरायता का पेस्ट या काढ़ा प्रभावित स्थान पर लगाएं।
  1. मधुमेह (डायबिटीज):
  • प्रभाव: रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक।
  • उपयोग: मधुमेह के रोगी चिरायता का काढ़ा नियमित रूप से ले सकते हैं।
  1. लिवर टॉनिक:
  • प्रभाव: लिवर की कार्यक्षमता को सुधारता है।
  • उपयोग: लिवर के रोगों में चिरायता का सेवन लाभकारी है।
  1. पेट के कीड़े:
  • प्रभाव: पेट के कीड़ों को निकालने में सहायक।
  • उपयोग: पेट में कीड़े होने की स्थिति में चिरायता का काढ़ा देना चाहिए।

सेवन विधि:

  • काढ़ा: 5-10 ग्राम चिरायता को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। इसे छानकर दिन में दो बार सेवन करें।
  • पाउडर: 1-2 ग्राम चिरायता पाउडर को पानी के साथ दिन में दो बार लें।

साइड इफेक्ट्स:

  • सामान्यत: चिरायता का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन इसे अधिक मात्रा में लेने से पेट में ऐंठन या दस्त हो सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।

निष्कर्ष:

चिरायता एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक है। इसके ज्वरनाशक, पाचन सुधारक और त्वचा रोग नाशक गुण इसे एक अद्वितीय औषधि बनाते हैं। इसके सेवन से पहले योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

Translate »
Scroll to Top