चौसठ पहरी पिप्पलीchausath prahari pippali– पिप्पली तो आप जानते ही होंगे ? अगर नहीं भी जानते हैं तो कोई बात नही – पिप्पली चूर्ण को पिप्पली के काढ़े में 64 प्रहर तक (लगभग 192 घंटे का समय) घोट कर बहुत ही प्रभावशालीऔषध बनाया जाता है। उसको कहते हैं चौसठ 64 प्रहरी पिप्पली chausath prahari pippali।
पीपली चूर्ण का उपयोग कई रोगों के लिए किया जाता है । जिसमें से फेफड़ों के रोग,ह्रदय रोग , खांसी जुकाम, पेट दर्द, भूख की कमी, शाम का पाचन, और कफ को फेफड़ों से निकालने के लिए प्रयोग कराया जाता है।
चौसठ64 प्रहरी पिप्पली खांसी दमा के साथ-साथ टीबी के रोगियों के लिए भी लाभदायक है। फेफड़ों को बल देने वाला और रसायन का कार्य करने वाला औषध द्रव्य है।
Table of Contents
चौसठ प्रहरी पिप्पली chausath prahari pippali के घटक द्रव्य-
- पिप्पली
- पिप्पली का काढ़ा( भावना देने के लिए)
चौसठ प्रहरी पिप्पली chausath prahari pippali के उपयोग एवं फायदे
- सभी प्रकार की खांसी में फायदेमंद है ।
- अस्थमा श्वास रोग के लिए लाभदायक और फेफड़ों को बल देने वाला।
- भूख की कमी( अग्निमांद्य) में भी प्रयोग करवाया जाता है।
- ह्रदय रोग , मोटापे से छुटकारा दिलाने में सहायक है ।
- ट्यूबरक्लोसिस ( राजयक्ष्मा) के रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
- हिक्का रोग ( बार बार हिचकी आना बिना रुके) में भी प्रयोग कराया जाता है।
- मौसम से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए भी प्रयोग कराया जाता है।
- कई प्रकार के कफ प्रधान औषधीय योगों में सहायक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
सेवन मात्रा एवं अनुपान
वयस्क -125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में दो बार शहद अथवा गर्म जल के साथ चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।
सावधानी-
बच्चों एवं पित्त की प्रधानता वाले रोगों में सावधानी से प्रयोग करें।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध। कई कंपनियों द्वारा इसका निर्माण किया जाता है। ऑनलाइन स्टोर पर भी उपलब्ध है।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी पर आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
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