तनाव से मुक्ति कैसे पाए ?

तनाव से मुक्ति कैसे पाए ?आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और जीवन शैली ऐसी हो गई है हर दूसरा व्यक्ति तनाव में जी रहा है और तनाव की वजह से जिंदगी और असंतुलित होना स्वाभाविक सी बात है। तनाव की वजह से हमारे शरीर पर कई प्रकार के बुरे प्रभाव पड़ते हैं जिसमें सबसे पहले हमारा व्यवहार हमारा व्यक्तित्व दिखाई देता है।

अगर आप लगातार तनाव में रह रहे हो तो आपको थकान महसूस होगी ,छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना, झुंझलाहट, किसी कार्य में मन ना लगना जैसी समस्याएं आम है।

लेकिन क्या आपको पता है कि तनाव की वजह से हमारे शरीर में कई बीमारियां घर करने लगती है जैसे बाल झड़ना, हाई बीपी, हार्ट अटैक, चमड़ी के रोग, पेट का खराब रहना, नींद ना आना,चक्कर आना , आँखों के निचे काले घेरे …

और इस वजह से हम रोगी बन जाते हैं हमारी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है और हम जीवन में कई समस्याओं का सामना करते हैं।

आखिर हम तनाव से कैसे बच सकते हैं आइए जानते हैं कुछ बिंदुओं पर बात करके-

सकारात्मक सोच-

चिंता और चिता में केवल एक बिंदी का ही फर्क है । हम उन चीजों के बारे में चिंताएं करते हैं जिन्हें हम चाह कर भी बदल नहीं सकते। अपने भूत भविष्य की चिंता को छोड़कर वर्तमान में जीना सबसे अच्छा है और वर्तमान में जीने का प्रयास करना चाहिए वर्तमान की योजनाएं बनाएं और अपनी योग्यता सामर्थ्य के अनुसार कार्य करें।

अपनी सीमाओं में योजनाबद्ध कार्य-

हमें अपनी सीमा और सामर्थ्य को ध्यान में रखकर किसी भी कार्य को करना चाहिए क्योंकि अगर हम सामर्थ्य से अधिक किसी कार्य को शुरू कर देते हैं तो बाद में वह हमें तनाव ही देगा, किसी भी कार्य को पूरी प्लानिंग के साथ में करें ताकि बाद में आपको उसके लिए किसी प्रकार का संघर्ष न करना पड़े।

पौष्टिक एवं संतुलित आहार-

पौष्टिक आहार से तात्पर्य है आप जो भी खाए आपकी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो , फलों का सेवन करें,ताजा हरी पत्तेदार सब्जियां एवं पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। पौष्टिक आहार हमें ताजगी और आनंद देता है जिससे आपका मन प्रफुल्लित रह सकता है। तली हुई और भुनी हुई चीजों से दूर रहें। मसालेदार व्यंजन एवं फास्ट फूड से दूर रहे। कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना करें।शराब या धुम्रपान नहीं करें ।

ना कहना सीखें-

अगर आप किसी कार्य को नहीं कर सकते हैं तो स्पष्ट रूप से मना कर सकते हैं इसमें किसी भी प्रकार की हीन भावना से ग्रस्त होने की जरूरत नहीं है।

प्रकृति के करीब आए-

हर व्यक्ति प्रकृति से प्यार करता है । आंगन में पेड़ पौधे लगाएं कुछ पशु पक्षियों को भी पाल सकते हैं। उन्हें दाना देना एवं पालना संतोष की अनुभूति देता है। ऐसे कार्य आपके मन को विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रखने का कार्य करते हैं। उगते सूरज ,ढलते सूरज, पशु पक्षियों को निहारना ,मनोरम दृश्य का आनंद लेना चाहिए।

अपने लिए समय निकालें-

जिम्मेदारियों के बोझ तले व्यक्ति इतना व्यस्त हो जाता है कि कभी कभी खुद को समय नहीं देता और तनाव से घिरे रहता है। खाली समय में अथवा अपने निश्चित समय में मनोरंजन करना चाहिए जैसे अपना मनपसंद टीवी शो देखना, मनपसंद किताबें पढ़ना ,मनपसंद संगीत को सुनना या आराम करना । यह चीजें आपको तनाव से दूर रखने में मदद करेगी।

अपनी उपलब्धियों पर गर्व करें-

आपने अब तक जो हासिल किया है उस पर गर्व करना सीखें ईश्वर ने आपको कई बेहतरीन उपहार दे रखे हैं। उसके लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए । जीवन में संतोष और धैर्य को अपनाना चाहिए।

ध्यान लगाएं-

आंखें बंद करें गहरी सांसे ले और किसी विचार पर ध्यान केंद्रित कर ॐ का उच्चारण करें और अपने श्वास की गहराई को महसूस करें। यह रोमांचक और आप को शांति देने वाला होगा।

अंतिम और आखिरी में आपसे एक रामबाण नुस्खा बताते हैं- अपनी चिंताओं को कोई कागज के पन्ने पर उतार दीजिए । और उसे ध्यान से देखिए क्या वाकई में वह चिंता करने की योग्य है या नहीं। यह सारी चिंताएं स्वयं ही लुप्त हो जाएगी।

आपको इस लेख में कुछ भी अच्छा लगा है तो आप अपने उन साथियों को शेयर करें जो तनाव में है तो तनाव मुक्त हो जाए और तनाव में नहीं है तो कभी तनाव में ना आए । धन्यवाद

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