दशांग लेप dashang lep uses in hindi

दशांग लेप

दशांग लेप dashang lep uses in hindi– यह एक आयुर्वेदिक औषधीय लेप है । लेप का मतलब यहाँ बाह्य प्रयोग से है ।आयुर्वेद चिकित्सको द्वारा इस औषधीय योग का प्रयोग विभिन्न शारीरिक समस्याओ के लिए करते है जिसके बारे मई हम आगे पढेंगे ।

दशांग लेप के घटक द्रव्य

  • शिरीष त्वक
  • मधुयष्टी (मुलेठी ) की जड़
  • लाल चन्दन
  • इलायची
  • जटा मांशी
  • हल्दी
  • दारू हल्दी
  • कुठ मूल
  • नेत्र बाला
  • तगर

औषधि द्रव्यों की मात्रा

सामान मात्रा में सभी औषधीय द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है ।

दशांग लेप बनाने की विधि

सभी औषधि द्रव्यों को सामान मात्रा में लेकर कूट पिस कर बारीक़ चूर्ण बना लेवे । ध्यान रहे की सभी औषधीय सही से सुखी हुई हो । चूर्ण कपडछन हो तो उत्तम है ।

दशांग लेप उपयोग करने की विधि

दशांग लेप के चूर्ण की मात्रा से एक चौथाई भाग घी मिला कर पानी में पकाते है । स्थानिक प्रयोग (local application )किया जाता है ।

दशांग लेप का उपयोग एवं फायदे

ज्वर (बुखार )- बुखार में दशांग लेप को ठन्डे पानी में पिस कर सूती कपडे को भीगा कर सर पर रखने से । सिरदर्द व बुखार कम हो जाता है ।

त्वचा के रोग – विद्रधि , पामा , घाव में, त्वचा के रोग घी या तेल में समय पका कर लेप करते है ।

गांठ – गांठ पर लगाने से सामान्य गांठे बैठ जाती है ।

सिका ग्रंथि शोथ –कान के निचे लसिका ग्रंथियों में सुजन व् दर्द होने पर घी में पका कर लेप करने से लाभ होता है ।

सुजन दर्द – चोट के कारण या पुराने दर्द में इसका लेप करने से लाभ होता है ।

वृषण में सुजन – दशांग लेप को निर्गुन्डी के पत्तो में पीसकर लेप करने से सुजन व् दर्द कम होता है ।

पुराने व्रण में – लेप करने से जल्दी ठीक हो जाते है ।

स्त्रोत – रस तंत्र सार एवं सिद्ध प्रयोग संग्रह

सावधानी –

  • चिकित्सक के निर्देशन में प्रयोग करे ।
  • केवल बाह्य प्रयोगार्थ
  • बच्चो की पहुच से दूर रखे ।
  • धुप एवं नमी से बचाए ।

चेतावनी – इस लेख का उद्देश्य शेक्षणिक है । किसी भी आयुर्वेदिक दवा के प्रयोग से पूर्व चिकित्सक की सलाह अवश्य लेवे ।

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