फ्लैक्ससीड क्या होता है?

फ्लैक्ससीड या अलसी के बीज एक प्रकार का सुपरफूड है जिसे बोना महीनों में उगाया जाता है। इसके बीज में विटामिन, मिनरल, अमीनो एसिड और फाइबर के साथ-साथ ऑमेगा-

फ्लैक्ससीड क्या होता है?

फ्लैक्ससीड या अलसी के बीज एक प्रकार का सुपरफूड है जिसे बोना महीनों में उगाया जाता है। इसके बीज में विटामिन, मिनरल, अमीनो एसिड और फाइबर के साथ-साथ ऑमेगा-3 फैटी एसिड भी होते हैं। यह अनेक स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के कारण जाना जाता है और इसे विभिन्न तरीकों से सेवन किया जाता है।

फ्लैक्ससीड (Flaxseed) एक बहुत ही पौष्टिक बीज है, जिसे भारतीय रसोई में बहुत ही अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है। यह अमेरिका और कनाडा में भी बहुत लोकप्रिय है। इस बीज का उपयोग खाने में किया जाता है और इसे स्वास्थ्य संबंधी लाभों के कारण भी जाना जाता है।

फ्लैक्ससीड के उपयोग वजन घटाना

फ्लैक्ससीड वजन घटाने के लिए एक उपयोगी खाद्य हो सकता है। यह आपके भोजन में एक उपाय हो सकता है जो वजन घटाने में मदद करता है। फ्लैक्ससीड में फाइबर, प्रोटीन और ऑमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं जो आपके भोजन में इस्तेमाल करने से आपको भूख कम करने में मदद कर सकते हैं।

फ्लैक्ससीड के उपयोग करने के लिए, आप उन्हें अलग-अलग तरीकों से खा सकते हैं। आप उन्हें भिगोकर और फिर उन्हें अपने भोजन में मिला सकते हैं, या फिर आप उन्हें भोजन से 30 मिनट पहले भी ले सकते हैं। इससे आपकी भूख कम होगी और आप अधिक मात्रा में खाने से बचेंगे।

इसके अलावा, फ्लैक्ससीड में मौजूद अल्‍फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) जो ऑमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रकार होता है, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों के रिस्‍क को कम करने में मदद करता है।

फ्लैक्ससीड के उपयोग मधुमेह के उपचार में

फ्लैक्ससीड मधुमेह के उपचार में उपयोगी हो सकते हैं। फ्लैक्ससीड में मौजूद फाइबर, प्रोटीन और ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके शरीर के ग्लुकोज लेवल को कम करने में मदद करते हैं।

फ्लैक्ससीड में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) एक ऑमेगा-3 फैटी एसिड है, जो इंसुलिन रिसिस्टेंस को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, फ्लैक्ससीड में मौजूद फाइबर भी मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमं

फ्लेक्स्स्सीड एक दवा है जो त्वचा समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। यह दवा स्टेरॉइड होती है, जो दुनिया भर में त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

फ्लेक्स्सीड त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है, जैसे:

एक्जिमा: यह एक त्वचा संबंधी रोग है जो त्वचा पर खुजली, सूखापन, लाल रंग के चकत्ते और अन्य त्वचा संबंधी लक्षणों के साथ दिखता है। फ्लेक्स्सीड इस रोग के इलाज में उपयोग किया जाता है।

सोरायसिस: यह भी एक त्वचा संबंधी रोग होता है, जिसमें त्वचा पर सूखेपन, लाल रंग के चकत्ते, दर्द और अन्य लक्षण होते हैं। फ्लेक्स्सीड इस रोग के इलाज में उपयोग किया जाता है।

धूल या प्रदूषण के कारण हुए त्वचा संबंधी समस्याएं।

फ्लैक्ससीड एक औषधि है जो अपच, एक्जिमा, सोरायसिस, श्वसन विकार, बदहजमी और गैस के इलाज में प्रयोग किया जाता है। हालांकि, फ्लैक्ससीड के आयुर्वेदिक लाभों के बारे में विशेषज्ञों की कम जानकारी है।

फ्लैक्ससीड में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड, लाइनोलेनिक एसिड, एलपा लिनोलेनिक एसिड, विटामिन ई, मैग्नीशियम, फोस्फोरस, थायमिन, रिबोफ्लाविन, नियासिन और प्रोटीन शामिल होते हैं। इन सभी तत्वों के कारण, इसे त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी माना जाता है।

फ्लैक्ससीड खाने का तरीका

आयुर्वेद में, फ्लैक्ससीड को कब्ज, पाचन शक्ति बढ़ाने, श्वसन संबंधी समस्याओं, वात विकार और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी माना जाता है। इसके अलावा, यह खून की शुद्धता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

सुबह खाली पेट फ्लैक्ससीड खाना: सुबह खाली पेट फ्लैक्ससीड खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और कब्ज कम होता है। आप एक चम्मच फ्लैक्ससीड को पानी में भिगो दें और उसे सुबह खाली पेट खा लें।

फ्लैक्ससीड ब्रीड: फ्लैक्ससीड ब्रीड बनाने के लिए आप एक कप गेहूं का आटा, एक चम्मच फ्लैक्ससीड, आधा चम्मच नमक, एक चम्मच शहद, एक चम्मच तेल और थोड़ा पानी मिलाएं। इसे अच्छी तरह से मिश्रित करें और एक ब्रेड बनाने के लिए उसे ओवन में भूनें।

फ्लैक्ससीड चटनी: फ्लैक्ससीड चटनी बनाने के लिए आप एक चम्मच फ्लैक्ससीड, आधा कप धनिया पत्ती, आधा कप पुदीना पत्ती, दो लहसुन कली, एक अदरक का टुकड़ा, दो हरी मिर्च, एक चम्मच नींबू का रस और नमक को मिक्सी में डालकर पीस लें।

स्नायु सम्बंधी बीमारियों से बचाव करने में फ्लैक्ससीड

फ्लैक्ससीड स्नायु सम्बंधी बीमारियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है। इसमें विटामिन ई, ऑमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर होता है, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह स्नायु सम्बंधी बीमारियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है:

  1. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना: फ्लैक्ससीड में मौजूद विटामिन ई और ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपके दिल के स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ये दोनों हार्ट संबंधी समस्याओं से बचने में मदद करते हैं जैसे कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक।
  2. स्नायु विकारों से बचाव: फ्लैक्ससीड में मौजूद फाइबर आपके स्नायु स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे नसों की कमजोरी और स्नायु विकारों से बचाव होता है।
  3. कंधे और पीठ दर्द से राहत: फ्लैक्ससीड में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड आपकी कंधों और पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  4. गठिया के लिए: फ्लैक्ससीड गठिया जैसी संबंधित समस्याओं से राहत प्रदान कर सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि फ्लैक्ससीड में मौजूद ऑमेगा-3 फैटी एसिड गठिया से जुड़ी समस्याओं में काम आता है। ऑमेगा-3 फैटी एसिड के दुर्लभ गुणों में से एक है कि यह शरीर के अपवादों को कम करने में मदद करता है, जो गठिया की समस्याओं को बढ़ावा देते हैं।

इसके अलावा, फ्लैक्ससीड में मौजूद फाइबर भी गठिया से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। फाइबर आपकी एक्सट्रा बढ़ती वजन और उच्च रक्तचाप से बचाने में मदद करता है, जो गठिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।

फ्लैक्ससीड का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। वह आपको बता सकते हैं कि फ्लैक्ससीड आपके लिए उपयुक्त है या नहीं, और आपको कितनी मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए।

ताकत बढ़ाने वाला एवं स्वस्थ शुक्राणुओं के विकास में फ्लेक्स्सीड

फ्लैक्ससीड खाने से शरीर की ताकत बढ़ती है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिजों की अधिक मात्रा होती है। फ्लैक्ससीड में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर को ताकत देता है और अनुमति देता है कि उसे स्वस्थ शुक्राणुओं के विकास के लिए आवश्यक अमीनो एसिड उपलब्ध हों।

फ्लैक्ससीड में ऑमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो स्वस्थ शुक्राणुओं के विकास में मदद करता है। इसके अलावा, फ्लैक्ससीड में विटामिन ए और विटामिन ई भी होते हैं, जो अन्य ऑक्सीडेंट और फ्री रेडिकल्स के साथ संघर्ष करके शरीर की ताकत बढ़ाते हैं।

इसलिए, फ्लैक्ससीड खाना आपके शरीर की ताकत बढ़ाने में मदद कर सकता है और स्वस्थ शुक्राणुओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कब्ज से राहत दिलाने में फ्लेक्ससीड

फ्लेक्ससीड कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। फ्लेक्ससीड में प्राकृतिक रूप से उपस्थित फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और स्टूल की आसानी से बाहर निकलने में मदद करती है।

फ्लेक्ससीड को उबालकर या सूखाकर भी खाया जा सकता है। एक टेबलस्पून फ्लेक्ससीड को दो कप पानी में डालकर 20-30 मिनट के लिए भिगो दें। इसके बाद, इसे पानी के साथ पीने से कब्ज से राहत मिलती है।

अन्य तरीकों से, फ्लेक्ससीड को सलाद, दही, सब्जी आदि में मिलाकर भी खाया जा सकता है। एक दिन में 1-2 टेबलस्पून फ्लेक्ससीड का सेवन करना चाहिए, कब्ज से राहत पाने के लिए।

ध्यान देने वाली बात यह है कि फ्लेक्ससीड को उबालकर या सूखाकर खाने से पहले पानी में भिगोना जरूरी होता है, क्योंकि अन्यथा वह सेवन करने से पहले सूख जाएगा और फाइबर का उपयोग शरीर द्वारा नहीं किया जाएगा।

फ्लेक्ससीड एक प्राकृतिक उपचार होता है जो सामान्यतया सेहत के लिए सुरक्षित है। हालांकि, इसका अधिक सेवन करने से कुछ संभव साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

इसलिए, निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना बेहतर होगा:

फ्लेक्ससीड को ज्यादा मात्रा में सेवन न करें, अन्यथा भारी पेट, गैस और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

फ्लेक्ससीड को उबालने के बाद तुरंत सेवन न करें, क्योंकि यह जलन और पेट में उबलना या ब्लोटिंग के कारण बन सकता है।

फ्लेक्ससीड को खाने से पहले अच्छी तरह से भिगोना जरूरी होता है, अन्यथा यह पाचन के लिए दुष्प्रभावी हो सकता है।

फ्लेक्ससीड को उन लोगों से बचाएं जो खुशखबरी से पहले या बाद में सर्जरी करने वाले हैं, क्योंकि फ्लेक्ससीड खून को पतला कर सकता है और इससे सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है।

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