वसंत मालती रस के फायदे / vasant malti ras benefit- क्या आपको पुराना बुखार जो टूट नहीं रहा है ? आयुर्वेद की शाश्त्रोक्त दवा है जो सभी प्रकार के पुराने से पुराने बुखार में सेवन करवाई जाती है ! केवल बुखार ही नहीं अपितु कई अन्य रोगों में भी यह अत्यन्त गुणकारी औषधि है ! आइये जानते है वसंत मालती रस के फायदे के बारे में और अधिक !
Table of Contents
वसंत मालती रस के घटक द्रव्य
भैषज्य रत्नावली के अनुसार ज्वर रोगाधिकार
- स्वर्ण भस्म
- मुक्ता भस्म
- शुद्ध हिन्गुल
- मरीच
- खर्पर भस्म
वसंत मालती रस का उपयोग कहाँ किया जाता है ?
- पुराने से पुराना बुखार जो जल्दी से ठीक नहीं हो रहा हो !असाध्य जो सामान्य दवाइयों से ठीक नहीं हो रहा हो !
- पाचन शक्ति सुधारता है !
- श्वसन तंत्र से जुडी समस्याए सांस लेने में कठिनाई ,दम आना , पुरानी खांसी इत्यादि में अत्यन्त गुणकारी दावा है !
- सभी प्रकार के बुखार में आयुर्वेद चिकित्सको द्वारा सेवन करवाया जाता है !
- गिलोय सत्व और चीनी के साथ में सेवन करवाना अत्यन्त ही फायदेमंद होता है !
- धातुओ में प्रवेश कर चूका बुखार होने पर बिज पूरक की जड़ के रस के साथ सेवन करवाया जाता है !
- एंटी ओक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लामेटरी गुण पाए जाते है!
- प्रतिरोधक क्षमता वर्धक होता है !
- जीवाणु एवं कवक संक्रमण को दूर करता है !
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वसंत मालती रस की सेवन मात्रा
100 मिलीग्राम से 200 मिलीग्राम की मात्रा आयु बल रोग के अनुसार चिकित्सक के निर्देशन में सेवन करे !
कहाँ से ख़रीदे ?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है ! ओंलिन खरीदने या मूल्य देखने के किये निचे दिए चित्रों पर क्लिक करे !
क्या खाए ?( पथ्य )
हल्का सुपाच्य भोजन करे , हरी पत्तेदार सब्जियों एवं फलो का सेवन करे , गुनगुना पानी पिए !
क्या नही खाए ? ( अपथ्य )
धुम्रपान ,शराब, तली हुई बाजार की खाद्य सामग्री , दही , आमचूर , आचार , छाछ का सेवन न करे!
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सावधानी
डॉक्टर की देखरेख में औषधि सेवन करे !
निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन न करे !
सामान्य तापमान पर कमरे में सूखे स्ठान पर स्टोर करे!
बच्चो की पहुच से दूर रखे !
चेतावनी – उपरोक्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है ! आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेक में सेवन करे !
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