शुक्र स्तंभन गुटिका-आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार बनाया गया यह योग पुरुषों के लिए अत्यंत ही गुणकारी और लाभकारी औषधि है। जिन पुरुषों को स्वप्नदोष की समस्या है । जिन्हें पुरुषार्थ की कमी, इंद्रिय शिथिलता जैसी समस्याएं हैं उन्हें इसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में करने से लाभ होगा।शुक्र स्तंभन गुटिकाआयुर्वेद शास्त्र के अनुसार बनाया गया यह योग पुरुषों के लिए अत्यंत ही गुणकारी और लाभकारी औषधि है। जिन पुरुषों को स्वप्नदोष की समस्या है । जिन्हें पुरुषार्थ की कमी, इंद्रिय शिथिलता जैसी समस्याएं हैं उन्हें इसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में करने से लाभ होगा।
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शुक्र स्तंभन गुटिका के घटक द्रव्य
- लोंग
- जावित्री
- दालचीनी
- अकरकरा
- समुद्रशोष के बीच
- शुद्ध अफीम
शुक्र स्तंभन गुटिका बनाने की विधि
उपरोक्त सभी औषधी घटक द्रव्य को 10- 10 ग्राम की मात्रा लेकर बारी पाउडर बना लें। इसमें 60 ग्राम मिश्री मिलाकर शहद के साथ खरल में गोटे इसके बाद छोटी-छोटी 125 मिलीग्राम की गोलियां बना लें। इन गोलियों को 10 दिनों तक छाया में घर के अंदर सुखा लें । सुख जाने के बाद एयर टाइट कांच की शीशी में भर ले।
शुक्र स्तंभन गुटिका के उपयोग एवं फायदे
- शुक्र का पतलापन दूर करती है।
- नपुंसकता दूर करने में सहायक है।
- स्वप्नदोष की समस्या मे लाभ होता है।
- सहवास में कम समय की समस्या दूर करती है।
- शुक्र का स्तंभन करती है।
- ग्रहणी तथा अतिसार रोग में भी इसका प्रयोग कराया जाता है।
- नींद ना आने की समस्या में भी इसका प्रयोग करवाया जाता है। तंद्रा कारक है।
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शुक्र स्तंभन गुटिका सेवन मात्रा
एक से दो गोली रात को सोते समय जल अथवा दूध के साथ चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।
विशेष सावधानी-
- शुक्र स्तंभन वटी लेने से कब्ज की शिकायत हो सकती है।
- कब्ज की शिकायत होने पर छोटी हरड़ का चूर्ण 4 ग्राम की मात्रा में सुबह गर्म पानी से सेवन करें।
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कहां से खरीदें?
आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। ऑनलाइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए चित्र प्रति करें।
चेतावनी–इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य ले।
संदर्भ ग्रंथ- रस तंत्र सार व सिद्ध प्रयोग संग्रह