विवरण – सर्पगंधा घन वटी के फायदे- अगर आप अनिंद्रा ,उन्माद , मिर्गी , या ह्रदय रोग से परेशान है तो आपके लिए आयुर्वेद की दवा सर्पगंधा घन वटी लाभदायक हो सकती है । आइये जानते है इसके बारेमें –
Table of Contents
सन्दर्भ ग्रन्थ/ शास्त्र –
सिद्ध योग संग्रह १०२, आयुर्वेद औषध निर्देशिका आयुर्वेद विभाग राजस्थान सरकार
सर्पगंधा घन वटी के घटक द्रव्य –
- सर्पगंधा
- खुरासानी अजवाइन
- जटामांसी
- विजया
- पिप्पली मूल चूर्ण
सर्पगंधा घन वटी निर्माण करने की विधि –
पिप्पली के आलावा सभी काष्ठ औषधियों को यव कूट (मोटा दरदरा ) के सामान कूट पिस कर आठ गुना जल में उबाले जब 1 भाग रह जाये तब फिर से काढ़े को उबाल कर घन बनावे बाद में पिप्पली मूल चूर्ण का पावडर मिला कर १०० मिलीग्राम की टेबलेट बना लेवे । दवाइयों को छाया में सुखा कर साफ स्वच्छ एवं सुखे स्थान पर कमरे के तापमान पर संगृहीत करे ।
सर्पगंधा घन वटी सेवन मात्रा
वयस्क – 1 टेबलेट से 2 टेबलेट (१०० मिलीग्राम से २०० मिलीग्राम ) पानी से सुबह शाम दिन में 2 बार भोजन के बाद
(चिकित्सक के निर्देशानुसार आयु ,बल, देश, काल के अनुसार )
अनुपान – दूध , जल , गजवान अर्क
सर्पगंधा घन वटी के फायदे एवं उपयोग–
- नीन्द नहीं आने की समस्या दूर होती है ।
- सर भारी रहना, चिडचिडापन , व्यवहार में कभी गुस्सा कभी शांत, किसी कार्य में मन नहीं लगाना जैसी समस्या में सेवन लाभकारी ।
- मिर्गी के रोगी जिन्हें कुछ समय से मिर्गी की समस्या है उनके लिए लाभदायक है ।
- जिन ह्रदय रोगियों का ब्लड प्रेशेर अधिक रहता है उनके लिए अत्यंत गुणकारी औषधि है ।
- वात व कफ को कम करता है । पित्त को बढ़ता है ।
सर्पगंधा घन वटी के दुष्प्रभाव –
अभी तक किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुईं है । पित्त प्रधान रोगियों में पित्त शामक औषधि के साथ सेवन करवाएं किसी भी प्रकार की समस्या आने पर अपने चिकित्सक से सलाह लेवे ।
दवाई से सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न – 1 क्या बच्चो को देना सुरक्षित है ?
सावधानी पूर्वक सेवन
प्रश्न -2 क्या गर्भवती को सेवन करना सुरक्षित है ?
सुरक्षित नहीं
प्रश्न -3 क्या स्तनपान करवाने वाली महिला को सेवन करना चाहिए ?
सुरक्षित
प्रश्न – 4 क्या अल्कोहल के साथ सेवन सुरक्षित है ?
नहीं
प्रश्न -5 क्या इसकी आदत लगती है ?
हाँ लग सकती है ।
दवाई का वर्तमान मूल्य –
अस्वीकरण – इस लेख में दि गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । केवल शेक्षिक उपयोग एवं जागरूकता के लिए है । किसी भी आयुर्वेद दवाई का उपयोग करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है । किसी भी तरह की हनी की जिम्मेदारी ब्लॉग की नहीं है ।
और पढ़े