सारस्वतारिष्ट के फायदे- क्या आप चाहते है की आपका बच्चा तेज दिमाग वाला हो ? आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा जीनियस हो? तो जानिए सारस्वतारिष्ट के फायदे। सारस्वतारिष्ट में मुख्य रूप से ब्राह्मी का प्रयोग किया जाता है।भैषज्य रत्नावली के अनुसार सारस्वतारिष्ट मेधा वर्धक औषधि है। मेधा वर्धक होने के साथ-साथ रसायन भी है जो मुख्य रूप से स्वर्ण संस्कार होने के बाद यह आयु वीर्य स्मृति और शरीर पर कांति लाने वाला औषधीय योग है।
बच्चों में वाक शक्ति बोलने की क्षमता को बढ़ाती है। अर्दित जैसी व्याधियों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इसे बच्चों के लिए उपयुक्त माना है।
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सारस्वतारिष्ट की घटक द्रव्य-
हर 10 मिलीलीटर की मात्रा में निम्न क्वाथ द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है।
- ब्राह्मी 84 भाग
प्रक्षेप द्रव्य
- शतावरी 21 भाग
- निर्गुंडी एक भाग
- विदारीकंद 21 भाग
- पिपली एक भाग
- हरीतकी 21 भाग
- वचा एक भाग
- उशीर 21 भाग
- त्वक एक भाग
- शत पुष्पा 21 भाग
- अश्वगंधा एक भाग
- अदरक 21 भाग
- गुडूची एक भाग
- शर्करा 105 भाग
- विडंग एक भाग
- मधु 42 भाग
- इलायची एक भाग
- धातकी के फूल 21 भाग
- त्रिवृत एक भाग
- लवंग एक भाग
- कुलांजन एक भाग
- विभितक एक भाग
- गुड आवश्यकता के अनुसार
स्वर्ण की उपस्थिति में तैयार किया जाता है।
सारस्वतारिष्ट के फायदे एवं उपयोग
- मुख्य रूप से स्मृति की कमी या स्मृति मांद्य में किया जाता है।
- उन्माद रोग में प्रयोग किया जाता है।
- अपस्मार रोग मिर्गी जैसे रोगों में भी प्रयोग किया जाता है।
- भ्रम की स्थिति यह बार-बार भूलने की समस्या में भी लाभ देता है।
- बेहोशी तथा नींद की कमी में भी इसका प्रयोग किया जाता है ।
- जिन बच्चों को बोलने में दिक्कत आती है। उनके लिए भी यह उपयोग किया जाता है।
सेवन मात्रा
दो से चार चम्मच की मात्रा लगभग 10 मिलीलीटर से 20 मिलीलीटर दिन में दो बार समान मात्रा में गुनगुने पानी से चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करना चाहिए।
सावधानी-
निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करवाएं।
बच्चों में इसकी मात्रा को वयस्क की मात्रा से आधी मात्रा करके पिलाएं।
फ्रिज में ना रखें।
सामान्य तापमान पर कमरे में स्टोर करें।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। ऑनलाइन भी
कई कंपनियों द्वारा बेचा जा रहा है।
चेतावनी- लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
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